आरबीआई दिस सँ जारी निर्देश म' कहल गेल अछि कि केवाईसी (नो योर कस्टमर) नियम केँ पूरा तरहे पालन करनिहार खाताधारक हर महीना अप्पन खाता सँ10 हजार टक्का निकैल सकैत छैथ। बैंक केँ ब्रांच मैनेजर 10 हजार टक्का सँ बेसी केँ निकासी क' मंजूरी द' सकैत छैथ, लेकिन दस्तावेज सभक पूरा तरहे पड़ताल केलाक बाद।
रिजर्व बैंक केँ निर्देश म' इयो कहल गेल अछि कि लिमिटेड या नॉन - केवाईसी के तहत आबै बला खाताधारक हर महीना अप्पन खाता सँ सिर्फ 5 हजार टक्का निकैल सकैत छैथ। इ लिमिट 9 नवम्बर 2016 के बाद पुरनका नोट के रूप म' जमा कायल गेल रकम लेल अछि। एक अधिकारी कहलनि कि सही डेग केँ मकसद इ सुनिश्चित करब अछि कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना केँ तहत बैंक खाता राखै बला किसान आर ग्रामीण सभ क' मनी लॉन्ड्रिंग कराइ बला सँ बेनामी लेन - देन कानून के परिणाम सँ बचाओल जे सके।
अपने क' बता दी कि नोटबंदी केँ बाद सँ जन-धन खाता म' पैसा केँ बाढ़ि आइब गेल अछि। नोटबंदी केँ बाद पहिल दुइ सप्ताह म' एहि खाता म' पैसा केँ मात्रा 60 प्रतिशत तक बढ़ल छल आर इ 72 हजार करोड़ टक्का सँ बेसी भ' गेल अछि।
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