महिला सभ क' देखि लेरचुबा सभ्य समाज पर चोट अछि 'ईटउघनी'

सहरसा। 15 नवम्बर। साहित्यकार डॉ मनोरंजन झा केर 70वां जयंती समारोह केर मौक़ा पर पंचकोसी सांस्कृतिक मंच दिस से कोसी नाट्य महोत्सव केर मौक़ा पर स्व झा केर काव्य रचना 'ईटउघनी' केर नाट्य मंचन कायल गेल। एहि मेँ पंचकोसी के रंगकर्मि सभ अप्पन अभिनय सँ मौजूदा व्यवस्था पर करारा प्रहार केलन्हि।  नाटक केर माध्यम सँ सफेदपोश केँ चेहरा उजागर कायल गेल। नारी वेदना व हुनक स्त्रीत्व केर रक्षा पर सवाल ठाढ़ करैत डॉ मनोरंजन झा केर काव्य रचना केँ हिन्दी रूपांतरण कर पंचकोसी के रंगकर्मी विकास भारती व श्वेता कुमारी नाट्य मंचन के स्वरूप देलन्हि।

युवा रंगकर्मी अमित कुमार जयजय के परिकल्पना व निर्देशन म' ईटउघनी केर प्रस्तुति दर्शक सभक खूब वाहवाही लुटलन्हि।  नारी शोषण पर केंद्रित एहि नाटक म' अप्पन पेटक आगि बुझेबाक लेल दुइ जुनक रोटी केर तलाश म' ईंट - भट्ठा पर अप्पन जिनगी बीतबै लेल मजबूर एक लाचार बेबस महिला केर कहानी केँ माध्यम सँ नारी शोषण क' समाज केँ सामना आईना देखेबाक काज कायल गेल।

तथाकथित लोग सभक घुरैत आँखि, लपलपाइत जिह्वा सँ लेर टपकाबैत सभ्य लोग आजुक एहि आधुनिक युग म' सेहो प्रतिष्ठा केर चोला पहिर हर जगह मौजूद अछि। एहिठाम स्त्रिगण विज्ञापन लेल नांगट ठाढ़ भेट जेती।  किनको संग अप्पन सर्वस्व दांव पर लगा तेँ कतो अप्पन जीवन व पापी पेट के लेल बजार म' ठाढ़ भ' जायत छथि। नाटकक जीवंत प्रस्तुति क' दर्शक सभक खूब वाहवाही भेटल। पंचकोसी संस्था के सचिव अभय कुमार केर नेतृत्व म' खुशबू कुमारी, श्वेता, निधि, अमित कुमार जयजय, विकास भारती, अमित कुमार अंशु, मिथुन कुमार गुप्ता, सुधांशु शेखर, धीरज कुमार समारोह के सफल आयोजन म' अप्पन  अहम भूमिका निभेलन्हि। 

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