लेखक : दुर्गानाथ झा (मैथिल), समाजसेवी
किनको हृदयक भीतर के गप कहब वा ओहि के सत्यता के दावा करब त उचित नै होयत, धैरि जहिया कहियो "विद्यापति पर्व समाहरोह" सनक मंच केर स्थापना कियो विचार केने हेताह तs संभवतः अहि दुआरे जे दुनिया अहि मंचक माध्यम सँ विद्यापति के जनथि, हुनक रचना आ विशेषता के जनथि। विद्यापति कोना मिथिलाक विभूति छथि, हुनका पर हमरा सभ के एतेक गौरव कियेक!!
सम्भवतः मंच सँ गीत गायन वा कविता पाठन केर विधि अहि दुआरे राखल गेल होयत जे हुनक लिखल रचना के मैथिलि गायक वा कवि मंच सँ गाबि क मैथिल के सुनौता आ लोक तक हुनक रचना के भाव आसानी सँ पहुँचत।
आब प्रश्न इ उठैत अछि जे की हम सभ मंच स्थापनाक अहि उद्दयेश्य पर अडिग छी वा भसिया गेलौंह?
ओना त सालो भैरि देश आ विदेश सेहो, कोन्ह कोन्ह मे मैथिल सभ "विद्यापति पर्व समारोह" केर आयोजन करै छथि, बहुत ठाम सँ सार्थक आ सराहनीय संवाद सेहो आबैत अछि मुदा निरर्थकता आ निन्दनीयताक मात्रा बहुत बढ़ि रहल अछि।
बहुत ठाम सँ बहुत रंगक खबैर आबैत अछि - मंच के राजनितिक उपयोग, मंच पर जातीयताक चर्चा, मंच पर मैथिलि के आलावा बांकी भाषाक उपयोग, मंच सँ विद्यापति केर रचना के अलावा आन आन मैथिलि वा अन्य भाषाक गीत गायन आ नाच। मुदा आब जे एकटा बात बेसी सोझा आबि रहल अछि ओ इ जे मंच पर अश्लील गीत, चुटुका आ नाच केर सेहो मंचन होइत अछि जे एकदम शर्मनाक, निंदनीय आ घृणाष्पद अछि।
बितल दिन मे दरिभंगा मे एकटा पैघ स्तर के तीन-दिवसीय "विद्यापति पर्व समारोहक" आयोजन भेल। आयोजक मण्डली आ अतिथि केर लिस्ट मे मिथिला आ मैथिलीक अनेको पुरौधा आ वर्तमान विभूति सभ शामिल छलाह। नाम लिखनाई उचित नै लागि रहल अछि, अधिकाँश लोक अवगत होयब।
एहन - एहन नाम, जिनक सम्मान मे हमरे नै, अपितु कुनो नवतुरियाक गर्दैन झुकि जाएत। मुदा एकटा एहन खबैर भेटल जाहि सँ गर्दैन त ठीके झुकल मुदा सम्मान मे नै, शर्म आ घृणा सँ।
खबैर भेटल जे ओहि मंच सँ जाहि पर एतेक पैघ पैघ मिथिलाक हस्ती बैसल छलाह, मिथिलाक नामचिन उद्घोषक आ गायक-गायिका सभ विद्यापति गीत आ रचना सँ इतर "अश्लील गीत आ चुटुका" सभ पड़ोसि रहल छलाह आ ओ पैघ हस्ती सभ अहि सभ घृणाष्पद क्रियाकलाप के गवाह बनल रहलाह। किछ स्व घोषित मैथिलि गायकी के सुपर स्टार सभ के अश्लील गीत सब स यू ट्यूब (YOU TUBE ) घिनायल अछि।
आब प्रश्न इ, की हम सभ विद्यापति के आत्मा के हक्कन नोरे कना कs मिथिलाक कल्याणक उमेद करैछि? हम सभ ठीके बाबा विद्यापति के सम्मान हेतु इ कार्यक्रम केर आयोजन करैछि वा हम्मर सभक मनसा किछु आर अछि?
लेखक : दुर्गानाथ झा (मैथिल), समाजसेवी
किनको हृदयक भीतर के गप कहब वा ओहि के सत्यता के दावा करब त उचित नै होयत, धैरि जहिया कहियो "विद्यापति पर्व समाहरोह" सनक मंच केर स्थापना कियो विचार केने हेताह तs संभवतः अहि दुआरे जे दुनिया अहि मंचक माध्यम सँ विद्यापति के जनथि, हुनक रचना आ विशेषता के जनथि। विद्यापति कोना मिथिलाक विभूति छथि, हुनका पर हमरा सभ के एतेक गौरव कियेक!!एहन - एहन नाम, जिनक सम्मान मे हमरे नै, अपितु कुनो नवतुरियाक गर्दैन झुकि जाएत। मुदा एकटा एहन खबैर भेटल जाहि सँ गर्दैन त ठीके झुकल मुदा सम्मान मे नै, शर्म आ घृणा सँ।
1 टिप्पणियाँ
सभ सँ पहिने सवाल इ उठैत छैक कि "विद्यापति पर्व समाहरोह" केँ तिथि की ? बहुत रास लोकनि सँ एहि विषय पर चर्चा केलहुँ सब कियो बस एतबे जबाब देलाह "जहिया सांसद महोदय आर कलाकार लोकनि अप्पन उपस्थिति सुनिश्चित करैथ ओहिये विद्यापति पर्व समाहरोह मना ली"
जवाब देंहटाएंसच पुछु तेँ विद्यापति पर्व समाहरोह एक व्यवसाय बनी गेल छैक। जाहि व्यवसाय म' सभ सँ आगू मैथिल - मिथिलाक नाम पर बनाओल गेल ओ संगठन अछि जे जहिया सँ स्थापित भेल तहिया सँ आय धरी मैथिल - मिथिलाक हित लेल एको गोट काज नहि क' सकल। एहि तरहक संगठन विद्यापति पर्व समाहरोह मना मैथिलक ह्रदय म' जगह बनेबाक प्रयाश करैत अछि।
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