जहानाबाद। 15 नवम्बर। 18 मार्च 1999 केँ राति सेनारी नरसंहार म' प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी (एमसीसी) केर हथियारबंद दस्ता गाम क' घेरि क' जाति विशेष केर 34 लोग क' एक जगह इकट्ठा करि एक-एक केर लगा रेत हत्या क' देना छल। आय ओहि नरसंहार केँ 10 दोषि क' कोर्ट फांसी केर सजा सुनेलनि, जखन की तीन क' उम्रकैद केर सजा देल गेलन्हि।
सेनारी नरसंहार के मामला म' जहानाबाद के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार सिंह केँ कोर्ट विगत 27 अक्टूबर क' सुनवाई करैत 15 आरोपि क' दोषी करार देना छल।
आय कोर्ट 13 दोषि क' सजा सुनेलन्हि , जखन की शेष 2 फरार दोषि क' फरार रहबाक कारण सजा नहि सुनाओल गेलन्हि। कोर्ट बच्चेष सिंह, बुद्दन यादव, बुटाई यादव, सत्येन्द्र दास, ललन पासी, द्वारिका पासवान, करीबन पासवान, गोड़ाई पासवान, उमा पासवान व गोपाल पासवान क' फांसी केर सजा सुनेलन्हि।
दोषि सभ क' सजा केर एलान भेलाक बाद सेनारी गाम पर प्रतिक्रिया म' फेर कुनु वारदात नहि होय, एहि लेल पुलिस पहिने सँ सतर्क अछि। गामक सुरक्षा खड़ा क' देल गेल छैक।
सेनारी नरसंहार के मामला म' जहानाबाद के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार सिंह केँ कोर्ट विगत 27 अक्टूबर क' सुनवाई करैत 15 आरोपि क' दोषी करार देना छल।
आय कोर्ट 13 दोषि क' सजा सुनेलन्हि , जखन की शेष 2 फरार दोषि क' फरार रहबाक कारण सजा नहि सुनाओल गेलन्हि। कोर्ट बच्चेष सिंह, बुद्दन यादव, बुटाई यादव, सत्येन्द्र दास, ललन पासी, द्वारिका पासवान, करीबन पासवान, गोड़ाई पासवान, उमा पासवान व गोपाल पासवान क' फांसी केर सजा सुनेलन्हि।
दोषि सभ क' सजा केर एलान भेलाक बाद सेनारी गाम पर प्रतिक्रिया म' फेर कुनु वारदात नहि होय, एहि लेल पुलिस पहिने सँ सतर्क अछि। गामक सुरक्षा खड़ा क' देल गेल छैक।
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