तीन गोट बीहनि कथा - वी०सी०झा "बमबम"

अनंत चतुर्दशी

~ कि हउ बच्चा भोरहि -भोर सजल डाली मे कथि कतय नेने जाइत छऽ ?
~ से अहाँ के नहि बुझल अछि से ?

~ कि नहि हमरा बुझल अछि ? आ सब गप हमरा बुझले रहत कि हम जमुद्री शास्त्रक ज्ञाता रहि जहिना !
~ हयउ आय अनंत चतुर्दशी छियै ने !

~ त कि भेलय ? एहि दिन कऽ लोक डालि लऽ भेल फिरै छय कि ?
~ अरे नहि ! लोक डालि लऽ कऽ किआ फिरतहि ?

~ तखन तूं किआ लेने फिरैत छऽ ?
~ यउ एहि डाली मे अनंत भगवान छथिन आ हुनक प्रसाद छैन्ह !

~ ऐंऽ हउ नाम छियैन्ह अनंत आ तोरा डालि मे कोना समटायल छथुन ? सेहो भोजनक संग कि हुनाक तों कैद कऽ धेने छऽ ! एहि अनंत'क कोन अर्थ ? भगवान सेहो कहैत छऽ तखन - - -
~ ओह ! एहि मे अनंतक डोरा लेने छियैन्ह ! हे देख लियहु - - -

~ आहिरेवा तों तऽ आर हद्द केलह ! अनंत'क डोरा सेहो एतनी टा कऽ ?
~ जाय दियऽ अहाँ संग के लागत ? नास्तिक  लोक छि अहाँ ?
~ जाहऽ उचित गप बजलहु तऽ नास्तिक भऽ गेलहु !


प्रसाद 

~ प्रसाद लिऽ यउ लाल कक्का
~ एऽह लाबह - लाबह ! मुहा कने मधुर अधिक कऽ दैह तोरा तऽ बुझले छऽ जे हम मधुरक कतेक स्नेहि छी !

~ हं से हमरा बुझल अछि परंच एहि मधुर जाँउ ताकऽ लागह तऽ गोंज - गोजा भऽ जेतैक !
~ अच्छऽ छोड़ह जैह भेटैत छ सैह लाबह ! हउ मुदा एतेक रास प्रसाद कोना एकत्र केने छऽ ?

~ आय अनंत भगवान के पूजा छलनि ने , से समस्त गामक लोक प्रसाद पठबौने छलैक !
~ ऐंऽ हउ तखन तऽ क्षीर सागर केंऽ निर्माण'क हेतु दूग्ध सेहो आयल हेतऽ ने ?

~ हं यउ ! कहि से नहि लोक देतहि , एहनो भेलय हं ?
~ तखन इ प्रसादे टा किआक क्षिर किआक ने अनलह ?

~ हे हइया लिऽ इयो अपन - - - - - !
~ आह ! धन्य एहि गामक लोक आ धन्य पूजा करेनिहार केनिहार आ संग धन्य दूर्योधन कृष्ण आ पांडव ! आनंद आनंद भऽ गेलय !


जन्म वर्षी

~ लाल कक्का ! नोत दैत छी यउ !
~ आबह - आबह बैसह कने सुस्ताय लैह , तखन - - - -

~ जाय दिऽ आरो गोटे कैंऽ नोत देवा'क अछि !
~ हउ कखुनका नोत देलह सेहो नहि कहलह ? आ परायल जायत छऽ - - -

~ साँझूक कक्का ! छः सात बजे आवि जायव !
~ परंच ई नहि कहलह जे कोन उपलक्ष मे नियंत्रित केलह अछि ?

~ वर्षी छैइक ! तकरहि शुभ-अवसर पर सत्य ना० भगवानक पूजा आ ब्राह्मण भोजन !
~ किनक वर्षी हउ ? हमरा जहाँ धड़ि स्मरण अछि एहि मास मे वर्षी कहाँ किनकहु - - - - ! आ वर्षी केर तरीका सहो अजीब तरहक कहलह अछि( सत्यना० पूजा ) !

~ हमर अपनहि वर्षी थिक यउ कक्का !
~ हाऽऽऽऽ हाऽऽऽऽ तोंहु कमाले केलह ! हउ जिवैत लोक'क कहुं वर्षी भेलय अछि !

~ जन्म वर्षी थिक यउ !
~ एहंऽ तोंहु मुदा हद्द केलह ! ओना बजलह उचिते गप ,
देखय छियै एकर प्रचलन आय - काल्हि ठीके बड्ड बेसी बढ़ि गेलहि अछि ! किआक से नहि कहि ?

~ पहिलुका लोक'क मुइला केर बाद वर्षी होइत छलैक, आबक लोक पहिनहि अपन जिवतहि आँखिक सोझाँ मे कऽ लैत अछि !
~ आबक लोक एतेक तेजगर कोना भ गेलय से नहि कहि ? वर्तमान मे सब काज क लेबऽ चाहैत अछि - - - -

~ बात से नहि छैइक बात विश्वासक छैइक ! आब बाप बेटा पर आ बेटा बाप पर विश्वास नहि करैत अछि ! तखन अबैय बला अँग्रेजीया पीढ़ि पर कोन विश्वास !
~ हउ ठीके कहलह अछि, तोहर बात हमरहु पसीन परल ! परंच कैइम वर्षी छियह से नहि कहलह ?

~ चौबीसम कि पच्चीसम नीक संऽ यादो नहि अछि !
~ तऽ देखहक तोरा जखन सेहो नहि मोन छऽ तखन - - - -
ओना जाऽ हम समय संऽ आवि जेवह ! आ तों एनहिहे जूग - जूग धड़ि जन्म वर्षी मनावैत रहऽ आ हमरा सनक ब्राह्मण के खुआबैत रहऽ

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