मधुश्रावणी पूजि रहलि नव विवाहिता लोकनिक वास्ते एकटा टटका विषहरि गीत ।
विषहरि गीत
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सौन मास आहे विषहरि दर्शन देल
राम देखिते विषहरि के माथा लेल झुकाय-२
भाग ओ सोहाग विषहरि सब के दियौ
राम धिया पुता सब पर रहियौ सहाय -२
दुध फूल लावा देव तोहरो चढ़ाय
राम रक्षा करू आहे विषहरि सब केर आइ
जाही ओ जूही विषहरि अनलहुँ सजाय
राम मैना पात सुन्दर विषहरि
देब बैसाय -२
गलती जे कोनो तकरा छेमि दीय
राम अबल शरण मणि सुनियौ गोहारि -२ ।।
- मणिकांत झा , दरभंगा
३ अगस्त २०१६
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