
सब महिला चुप करबैत हुनका लेकिन ओ अपन फूलल आँखि सं ठाढ़ लोक के निहारैत छलीह आ फेर जोर जोर स कनैत छलीह, मात्र 20 सालक उम्र में हुनक बिधवा भ जेनाई लोक देखि देखि सिहैर जाइत छलीह, छमा प्रिया के भाई बिपिन बतेलैन्ह जे मंगल दिन 1 बजे सुचना भेटल जे भाई दिवाकर शहीद भ गेलाह, उमहर शहीद दिवाकर के माँ सुनीता देवी के जखन पता चललैन्ह जे हुनक एकलौता बेटा दिवाकर शहीद भ गेलखिन्ह त ओहो बेहोश भ क गिर गेलीह, लगभग डेढ़ वर्ष पहिने शहीद दिवाकर के माँ के किडनी के ऑपरेशन पटना में भेल छलैन्ह, ओहिना जखन हुनक पिता तुनुकलाल तिवारी के पता चललैंह त ओ चौकी पर लेट गेलाह आ आँखि सुनी भ गेलैन्ह आ बस लेटले लेटले आबै जाई बला के देख रहल छलाह, आर बहिन शीला जे महेंशखूंट में रहै छलखिन्ह पता में ककरो बिश्वास नै भ रहल छैक जे हुनक दुलारा दिवाकर आब एही दुनिया में नै छथिन्ह, सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन में काज करैत दिवाकर देश के लेल शहीद भ गेलाह,
शहीद दिवाकर के गाँव आ ससुराल बला हुनका पर फक्र करैत कहला जे दिवाकर अप्पन मैँट के के कर्ज चूका क देश के लेल शहीद भेला।।
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