मधुबनी। 12 जुलाई। एहि बेर मिथिलाक कांवरिया नव रंग रूप म' सुल्तानगंज सँ देवघर बाबा बैद्यनाथ धाम भोलेनाथ क' जल चढ़ेबाक लेल पहुंचता। एहि बेर मिथिलाक कांवरिया गेरुआ रंगक पोशाक केर संग - संग मिथिलाक सांस्कृतिक पहचान 'पाग' सेहो माथ पर धारण करता।
मिथिलालोक फाउंडेशन केर संस्थापक डॉ़ बीरबल झा मिथिला सँ देवघर जाय बला सभ कमरथुआ सँ पाग पहिर बाबाधाम जेबाक अपील केलाह। डॉ़ बीरबल झा कैल्ह सोम दिन मधुबनी मेँ 'पाग कांवड़िया' कार्यक्रम केर शुरुआत केलाह। कार्यक्रम मेँ 'पाग कांवड़िया गीत' केर सीडी सेहो जारी कायल गेल।
डॉ़ बीरबल झा कहला कि 'पाग कांवड़िया गीत' केर माध्यम सँ कमरथुआ सभ भगवान भोलेनाथ सेँ ई विनती करता कि जाहि मिथिला म' ओ कहियो महाकवि विद्यापति केर भक्ति सँ प्रसन्न भ' उगना केर रूप म' हुनकर सेवा सरबाक लेल आयल छलाह, ओहि मिथिलाक दिशा आर दशा बदलबाक लेल भोलेनाथ अप्पन कृपादृष्टि एक बेर फेर सेँ मिथिलाक धरती पर दैथ।
मिथिलालोक फाउंडेशन केर संस्थापक डॉ़ बीरबल झा मिथिला सँ देवघर जाय बला सभ कमरथुआ सँ पाग पहिर बाबाधाम जेबाक अपील केलाह। डॉ़ बीरबल झा कैल्ह सोम दिन मधुबनी मेँ 'पाग कांवड़िया' कार्यक्रम केर शुरुआत केलाह। कार्यक्रम मेँ 'पाग कांवड़िया गीत' केर सीडी सेहो जारी कायल गेल।
डॉ़ बीरबल झा कहला कि 'पाग कांवड़िया गीत' केर माध्यम सँ कमरथुआ सभ भगवान भोलेनाथ सेँ ई विनती करता कि जाहि मिथिला म' ओ कहियो महाकवि विद्यापति केर भक्ति सँ प्रसन्न भ' उगना केर रूप म' हुनकर सेवा सरबाक लेल आयल छलाह, ओहि मिथिलाक दिशा आर दशा बदलबाक लेल भोलेनाथ अप्पन कृपादृष्टि एक बेर फेर सेँ मिथिलाक धरती पर दैथ।
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