ढहैत भावनाक देबाल

ढहैत भावनाक देबाल

खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़



आकांक्षाक बखारी अछि भरल

प्रतीक बनि ठाढ़

घरमे राखल हिमाल-लकड़ीक मन्द्इर आकि

ओसारापर राखल तुलसीक गाछ

प्रतीक सहृदयताक मात्र ।



मोन पाड़ैत अछि इनार-पोखरिक महार,

स्विमिंगपूलक नील देबाल, बनबैत पानिकेँ नील रंगक ।

मोनक रंगक अदृश्य देबाल

ढहैत

खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़

बहैत।

6 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. ढहैत भावनाक देबाल
    खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
    बालकोनीमे राखल गमलामे तुलसीक गाछ
    प्रतीक मात्र सहृदयताक
    आकांक्षाक बखाड़ी अछि भरल
    घरमे राखल हिमाल-लकड़ीक छोट मन्दिर
    प्रतीक बनि ठाढ़।
    मोन पाड़ैत अछि इनार-पोखरिक महार,
    स्विमिंगपूलक नील देबाल
    बनबैत पानिकेँ नील रंगक
    मोनक रंगक अदृश्य देबाल
    ढहैत
    खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
    बहैत।

    bah

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