पक्काक जाठि

पक्काक जाठि



तबैत पोखरिक महार दुपहरियाक भीत, ,

पस्त गाछ-बृच्छ-केचली सुषुम पानि शिक्त ।



जाठि लकड़ीक तँ सभ दैछ पक्काक जाठि ई पहिल,

कजरी जे लागल से पुरातनताक प्रतीक।



दोसर टोलक पोखरि नहि, अछि डबरा वैह,

बिन जाठिक ओकर यज्ञोपवीत नहि भेल कारण सएह ।



सुनैत छिऐक मालिक ओकर अद्विज छल,

पोखरिक यज्ञोपवीतसँ पूर्वहि प्रयाण कएल।



पाइ-भेने सख भेलन्हि पोखरि खुनाबी,

डबरा चभच्चा खुनेने कतए यश पाबी।



देखू अपन टोलक पक्काक जाठि ई,

कंक्रीट तँ सुनैत छी, पानियेमे रहने होइछ कठोर,

लकड़ीक जाठि नहि जकर जीवन होइछ थोड़।

5 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. तबैत दुपहरियाक भीत पोखरिक महार,
    पस्त गाछ-बृच्छ-केचली सुषुम पानि शिक्त,
    जाठि लकड़ीक तँ सभ दैछ पक्काक जाठि ई पहिल,
    कजरी जे लागल से पुरातनताक प्रतीक।
    दोसर टोलक पोखरि नहि अछि डबरा वैह,
    बिन जाठिक ओकर यज्ञोपवीत नहि भेल कारण सएह,
    सुनैत छिऐक मालिक ओकर अद्विज छल,
    पोखरिक यज्ञोपवीतसँ पूर्वहि प्रयाण कएल।
    पाइ-भेने सख भेलन्हि पोखरि खुनाबी,
    डबरा चभच्चा खुनेने कतए यश पाबी।
    देखू अपन टोलक पक्काक जाठि ई,
    कंक्रीट तँ सुनैत छी, पानियेमे रहने होइछ कठोर,
    लकड़ीक जाठि नहि जकर जीवन होइछ थोड़।

    ee te aar nik

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

और नया पुराने