पक्काक जाठि
तबैत पोखरिक महार दुपहरियाक भीत, ,
पस्त गाछ-बृच्छ-केचली सुषुम पानि शिक्त ।
जाठि लकड़ीक तँ सभ दैछ पक्काक जाठि ई पहिल,
कजरी जे लागल से पुरातनताक प्रतीक।
दोसर टोलक पोखरि नहि, अछि डबरा वैह,
बिन जाठिक ओकर यज्ञोपवीत नहि भेल कारण सएह ।
सुनैत छिऐक मालिक ओकर अद्विज छल,
पोखरिक यज्ञोपवीतसँ पूर्वहि प्रयाण कएल।
पाइ-भेने सख भेलन्हि पोखरि खुनाबी,
डबरा चभच्चा खुनेने कतए यश पाबी।
देखू अपन टोलक पक्काक जाठि ई,
कंक्रीट तँ सुनैत छी, पानियेमे रहने होइछ कठोर,
लकड़ीक जाठि नहि जकर जीवन होइछ थोड़।
तबैत पोखरिक महार दुपहरियाक भीत, ,
पस्त गाछ-बृच्छ-केचली सुषुम पानि शिक्त ।
जाठि लकड़ीक तँ सभ दैछ पक्काक जाठि ई पहिल,
कजरी जे लागल से पुरातनताक प्रतीक।
दोसर टोलक पोखरि नहि, अछि डबरा वैह,
बिन जाठिक ओकर यज्ञोपवीत नहि भेल कारण सएह ।
सुनैत छिऐक मालिक ओकर अद्विज छल,
पोखरिक यज्ञोपवीतसँ पूर्वहि प्रयाण कएल।
पाइ-भेने सख भेलन्हि पोखरि खुनाबी,
डबरा चभच्चा खुनेने कतए यश पाबी।
देखू अपन टोलक पक्काक जाठि ई,
कंक्रीट तँ सुनैत छी, पानियेमे रहने होइछ कठोर,
लकड़ीक जाठि नहि जकर जीवन होइछ थोड़।
तबैत दुपहरियाक भीत पोखरिक महार,
जवाब देंहटाएंपस्त गाछ-बृच्छ-केचली सुषुम पानि शिक्त,
जाठि लकड़ीक तँ सभ दैछ पक्काक जाठि ई पहिल,
कजरी जे लागल से पुरातनताक प्रतीक।
दोसर टोलक पोखरि नहि अछि डबरा वैह,
बिन जाठिक ओकर यज्ञोपवीत नहि भेल कारण सएह,
सुनैत छिऐक मालिक ओकर अद्विज छल,
पोखरिक यज्ञोपवीतसँ पूर्वहि प्रयाण कएल।
पाइ-भेने सख भेलन्हि पोखरि खुनाबी,
डबरा चभच्चा खुनेने कतए यश पाबी।
देखू अपन टोलक पक्काक जाठि ई,
कंक्रीट तँ सुनैत छी, पानियेमे रहने होइछ कठोर,
लकड़ीक जाठि नहि जकर जीवन होइछ थोड़।
ee te aar nik
ati sunder
जवाब देंहटाएंsamajik vyavasthak kurupta par nik tippani.
जवाब देंहटाएंsochai par majboor karaybala
जवाब देंहटाएंpakkak jathik bimb sarvtha nootan
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
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