वर्णनीय छी अहाँ अनंत
स्वागत अछि हे ऋतुपति बसंत
नवपल्लवक संग सुशोभित
मज्जर देखि होइत मनमोहित
बाट बटोही सहजहि आकर्षित
गाबथि वर्णन ऋषि-मुनि-संत
स्वागत अछि हे ऋतुपति बसंत
वीणा वादिनी देलन्हि प्रवेश
वरमुद्रा में हरलन्हि क्लेश
ऋतुराजक छन्हि गुण विशेष
गुण वखानक कोनो ने अन्त
स्वागत अछि हे ऋतुपति बसंत
मधुर सुगंध पसारैत महुआ
टिप-टिप झहरैत आमक मधुआ
गँहुमक खेतक हरियर बथुआ
तीसी सरिसव बनल महंथ
स्वागत अछि हे ऋतुपति बसंत
रंग अबीरक संग में होली
बूढ सियानक अलगहि टोली
नेना भुटकाक टुनटुन बोली
माटि लेटायल छोटका जन्त
स्वागत अछि हे ऋतुपति बसन्त
कुहू-कुहू कोइली गीत सुनाबय
मोर आ मोरनी पंख पसारय
बोल पपिहराक बड़ मन भावय
विहुँसैत "मनीष" निपोरैत दन्त
स्वागत अछि हे ऋतुपति बसन्त
रंग अबीरक संग में होली
जवाब देंहटाएंबूढ सियानक अलगहि टोली
नेना भुटकाक टुनटुन बोली
माटि लेटायल छोटका जन्त
स्वागत अछि हे ऋतुपति बसन्त
बड नीक लागल आहांक ई प्रस्तुति।
badd dink bad apnek rachna padhlanhu. dhanyvad apneke
जवाब देंहटाएंbahut nik kavita likhal MANISHjee, स्वागत अछि हे ऋतुपति बसंत ati-uttam
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
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