सोना-बेटा कटए युद्धमे
तखन कोन सोना केर मोल?
रे ‘प्रताप’ जूझए ‘हल्दी’मे
भामाशाह! खजाना खोल
आइ विश्व भरि केर स्वतन्त्राता
माँगि रहल हमरेसँ मोल
दही लेपि क’ माँस चटा दे
उठ दधीचि, निज हड्डी तौल!
कंचनजंघा डगमग-डगमग
मानसरोवरमे तूफान
‘जय जय भैरवि असुर भयाउनि’
अधर-अधर पर गंूजए गान
हमरे गतिमे विश्वक गति छै
ताकि रहल अणु-हत भूगोल
सोना-बेटा कटए युद्धमे
तखन कोन सोना केर मोल?
bad nik prastuti
जवाब देंहटाएंब्रजकिशोर वर्मा ‘मणिपद्म' - तखन कोन सोना केर मोल
सोना-बेटा कटए युद्धमे
तखन कोन सोना केर मोल?
रे ‘प्रताप’ जूझए ‘हल्दी’मे
भामाशाह! खजाना खोल
आइ विश्व भरि केर स्वतन्त्राता
माँगि रहल हमरेसँ मोल
दही लेपि क’ माँस चटा दे
उठ दधीचि, निज हड्डी तौल!
कंचनजंघा डगमग-डगमग
मानसरोवरमे तूफान
‘जय जय भैरवि असुर भयाउनि’
अधर-अधर पर गंूजए गान
हमरे गतिमे विश्वक गति छै
ताकि रहल अणु-हत भूगोल
सोना-बेटा कटए युद्धमे
तखन कोन सोना केर मोल
ई रचना बहुत नीक लागल. आभार.
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।