जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
देखू ने धिया पुता सब पैघ भय गेल.
किछ तऽ नेतो बनल अछि.
पैघ कुर्सी पर चढ़ल अछि.
वचन दऽ कय जाए कोना
दृग आ मुंह मोरि लेने अछि.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
आउ बुझबियौक ओकरो कने
कोना राम राज्य चलै छल.
एक टा तऽ वैद्य भय गेल
नाम ओकर देश विदेश भेल
नहि मुदा देखा पड़ैत ओकरा
दीन हीन पीड़ित सहोदर
जे व्याधि से मूडी फोरी रहल अछि.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
आउ कने ओकरो बुझबियौक
सहोदर कोना व्यवहार करै अछि.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
देखू ने धिया पुता सब पैघ भय गेल.
बाढ़ि तऽ सभ साल अबै अछि
दहा जायेत अछि माल जाल
बहि जाए नेना बच्चा, बूढ़ माए बाप
गाम उजड़ि जाए जेना विधवाक मांग
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
आउ कने हिनको बुझबियौक
बहई अछि जे गाम से कमला, कोशी, बलान.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
देखू ने धिया पुता सब पैघ भय गेल.
पर नहि देखा पड़ैत छैक
पीड़ अहि देह केर
नोचि नोचि कय खाए गेल
सभ अहांक बचल खुचल नाम.
अहांक बचल खुचल नाम.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
देखू ने धिया पुता सब पैघ भय गेल।
-x-
मिथिला के ई हाल कियैक सेहो ने पूछल जाए
जिनक नाम लैत लैत ककरो जीह ने भोथराए.
बजाय रहल छी जानकी के स्वयं, ई संदेशक प्रेषण लेल
हे नेना हउ, हे बुच्ची यै, आब करू काज समाजक लेल
अपने आबि कहि देथुन्ह आब, जे हे नैहरक जीव!
कहिया तक नाम बेचि के पड़ल रहब निर्जीव.
उठू ठार होऊ, करू उद्यम स्वयं, अपन विकासक लेल
नहीं ताकय पड़त फेर ककरो दिस अपन समाजक लेल
हँ कोना एती, कियैक एती, ओ नैहर आब
सासुर जरैत रामक नाम से, नैहर अछि बेहाल
की यैह कहऽ सूनऽ लेल अउती जनक कुमारी
देखि कहीं ने समा जाईथ ओ फेर धरती में बेचारी.
देखू ने धिया पुता सब पैघ भय गेल.
किछ तऽ नेतो बनल अछि.
पैघ कुर्सी पर चढ़ल अछि.
वचन दऽ कय जाए कोना
दृग आ मुंह मोरि लेने अछि.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
आउ बुझबियौक ओकरो कने
कोना राम राज्य चलै छल.
एक टा तऽ वैद्य भय गेल
नाम ओकर देश विदेश भेल
नहि मुदा देखा पड़ैत ओकरा
दीन हीन पीड़ित सहोदर
जे व्याधि से मूडी फोरी रहल अछि.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
आउ कने ओकरो बुझबियौक
सहोदर कोना व्यवहार करै अछि.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
देखू ने धिया पुता सब पैघ भय गेल.
बाढ़ि तऽ सभ साल अबै अछि
दहा जायेत अछि माल जाल
बहि जाए नेना बच्चा, बूढ़ माए बाप
गाम उजड़ि जाए जेना विधवाक मांग
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
आउ कने हिनको बुझबियौक
बहई अछि जे गाम से कमला, कोशी, बलान.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
देखू ने धिया पुता सब पैघ भय गेल.
पर नहि देखा पड़ैत छैक
पीड़ अहि देह केर
नोचि नोचि कय खाए गेल
सभ अहांक बचल खुचल नाम.
अहांक बचल खुचल नाम.
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
देखू ने धिया पुता सब पैघ भय गेल।
-x-
मिथिला के ई हाल कियैक सेहो ने पूछल जाए
जिनक नाम लैत लैत ककरो जीह ने भोथराए.
बजाय रहल छी जानकी के स्वयं, ई संदेशक प्रेषण लेल
हे नेना हउ, हे बुच्ची यै, आब करू काज समाजक लेल
अपने आबि कहि देथुन्ह आब, जे हे नैहरक जीव!
कहिया तक नाम बेचि के पड़ल रहब निर्जीव.
उठू ठार होऊ, करू उद्यम स्वयं, अपन विकासक लेल
नहीं ताकय पड़त फेर ककरो दिस अपन समाजक लेल
हँ कोना एती, कियैक एती, ओ नैहर आब
सासुर जरैत रामक नाम से, नैहर अछि बेहाल
की यैह कहऽ सूनऽ लेल अउती जनक कुमारी
देखि कहीं ने समा जाईथ ओ फेर धरती में बेचारी.
कौतुक रमण जी। जानकीक आराधनाक बहन्ने अहाँक कविता मिथिलाक बहुत रास समस्याक वर्णन करैत अछि।
जवाब देंहटाएंबड्ड नीक लागल। अहाँसँ एहि तरहक आर कविताक आसमे।
सासुर जरैत रामक नाम से, नैहर अछि बेहाल की यैह कहऽ सूनऽ लेल अउती जनक कुमारी
जवाब देंहटाएंदेखि कहीं ने समा जाईथ ओ फेर धरती में बेचारी.
kavitak an bad nik
svagat achhi kautuk ramanji,
जवाब देंहटाएंahank pahil kavita aas jagelak je aar nav nav kavita padhbak avsar bhetat
दहा जायेत अछि माल जाल
जवाब देंहटाएंबहि जाए नेना बच्चा, बूढ़ माए बाप
गाम उजड़ि जाए जेना विधवाक मांग
जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
आउ कने हिनको बुझबियौक
बहई अछि जे गाम से कमला, कोशी, बलान. जानकी! कतए छी? आउ नैहर.
ati sundar
bah kautuk ji,
जवाब देंहटाएंmaa jankik aavahan navin roop se
नोचि नोचि कय खाए गेल
जवाब देंहटाएंसभ अहांक बचल खुचल नाम.
yaih bhay rahal achhi
bad nik lagal kavita
जवाब देंहटाएं1.किछ तऽ नेतो बनल
जवाब देंहटाएं2.बाढ़ि तऽ सभ साल अबै अछि
दहा जायेत अछि माल जाल
कोना एती, कियैक एती, ओ नैहर आब
puran bimb aa nav kathyak nik sammilan
kavita neek lagal
जवाब देंहटाएंbahut nik lagal
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
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