हर्जे की- अनुजक नाम, काज अहींक थिक - रामलोचन ठाकुर

हर्जे की

चलू तिरंगा कने उड़ा ली हर्जे की।
आजादी के रश्म पुरा ली हर्जे की॥
आजादी के अर्थ कोश मे जुनि ताकी।
आजादी के जश्न मना ली हर्जे की॥
शुल्क-मुक्त आयात स्कॉच-सैम्पेन होइछ।
शिक्षा स्वास्थ्यक शुल्क वृद्धि मे हर्जे की॥
देशक प्रगति विकास विदेशी पूँजी स।
संसद हैत निलाम होउक ने हर्जे की॥
सौ-हजार भसि गेल बाढ़ि मे भसए दिऔ।
राता-राती शेठ बनत किछु हर्जे की॥
रौदी-दाही सबदिना छै रहए दिऔ।
जनता बाढ़ि अकाल मरत किछु हर्जे की॥
गाम-देहातक बात बैकवार्डक लक्षण।
मेट्रो प्रगति निशान देश के हर्जे की॥
नेता जिन्दावाद रहओ आवाद सदा।
देश चलै छै एहिना चलतै हर्जे की॥


अनुजक नाम/ काज अहींक थिक


खएबामे जत्ते
किएक ने होउक तीत
औषध
फल होइते छैक नीक
रोगी कें
बुझा देब ई बात
काज अहींक थिक

9 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. रामलोचन ठाकुर जीक रचनाक प्रस्तुतिक लेल धन्यवाद ।

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  2. गाम-देहातक बात बैकवार्डक लक्षण।
    मेट्रो प्रगति निशान देश के हर्जे की॥
    नेता जिन्दावाद रहओ आवाद सदा।
    देश चलै छै एहिना चलतै हर्जे की॥

    harje ki

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  3. हर्जे की
    देशक प्रगति विकास विदेशी पूँजी स।
    संसद हैत निलाम होउक ने हर्जे की॥

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  4. सौ-हजार भसि गेल बाढ़ि मे भसए दिऔ।
    राता-राती शेठ बनत किछु हर्जे की॥
    marmik

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