मैथिली मे नेना-भुटकाक प्रिय विधा चित्रकथाक खगता देख 'नताशा' चित्रकथा श्रृंखलाक संकल्पना हमरा मोन मे करीब एक दशक पहिने आयल छल. प्रकाशनक माध्यम आ प्रसार साधन केर अभाव मे हमर कल्पना हिंदी मे अनुदित भ' विभिन्न पत्र-पत्रिका मे छपय लागल आ' शनै:-शनै: ई हिंदिये के भ' गेलै.
'मैथिल आ मिथिला' से जुडलाक बाद दशकक दबल कामना पूर हेबाक लेल हिलकोर लेबै लागल अछि. अहि क्रम मे 'नताशा' केर मूल मैथिलीक अलावे एकर हिंदी संस्करणक अनुवाद मे लागल छी. अहि कार्य मे अनुज मित्र कुमार सौरभक सहयोग उल्लेखनीय अछि.
अगला सप्ताह सं दर सप्ताह अहि श्रृंखलाक एक गोट चित्रकथा प्रस्तुत कयल जायत. अहि सन्दर्भ मे दू टा बिंदु स्पष्ट क' देब आवश्यक अछि-
१. श्रृंखलाक चित्रकथा मे किछु प्रचलित चुटक्काक अलावे किछु मौलिक कथ्यक उपयोग कयल गेल अछि.
२. अहि श्रृंखलाक अनेको चित्रकथा बालहंस, चकमक, बच्चों का देश, प्रभात खबर, अंग्रेजी पत्रिका TINKLE आ रविवारीय जनसत्ताक यात्रा क' चुकल अछि.
हमर प्रयास सकारथ होयत जं' किछुओ धीया-पुता अहि माध्यमे मातृभाषाक साहित्यिक पक्ष सं जुड़ता.
'मैथिल आ मिथिला' से जुडलाक बाद दशकक दबल कामना पूर हेबाक लेल हिलकोर लेबै लागल अछि. अहि क्रम मे 'नताशा' केर मूल मैथिलीक अलावे एकर हिंदी संस्करणक अनुवाद मे लागल छी. अहि कार्य मे अनुज मित्र कुमार सौरभक सहयोग उल्लेखनीय अछि.
अगला सप्ताह सं दर सप्ताह अहि श्रृंखलाक एक गोट चित्रकथा प्रस्तुत कयल जायत. अहि सन्दर्भ मे दू टा बिंदु स्पष्ट क' देब आवश्यक अछि-
१. श्रृंखलाक चित्रकथा मे किछु प्रचलित चुटक्काक अलावे किछु मौलिक कथ्यक उपयोग कयल गेल अछि.
२. अहि श्रृंखलाक अनेको चित्रकथा बालहंस, चकमक, बच्चों का देश, प्रभात खबर, अंग्रेजी पत्रिका TINKLE आ रविवारीय जनसत्ताक यात्रा क' चुकल अछि.
हमर प्रयास सकारथ होयत जं' किछुओ धीया-पुता अहि माध्यमे मातृभाषाक साहित्यिक पक्ष सं जुड़ता.
bad nik gap, bachchak column seho niyamit roop se rahbak chahi ehi blog me
जवाब देंहटाएंबड्ड नीक सूचना। मैथिलीमे अहाँ चित्रकथा श्रृंखला शुरु कए भावी पीढ़ीक प्रति एकटा पैघ कर्तव्यक निर्वह करब। सेमीनारमे सभ क्यो बच्चाक लेल पोथी हेबाक चाही पर बहस करैत छथि मुदा परिणाम जे किछु नहि।
जवाब देंहटाएंई श्रृंखला दीर्घजीवी रहत आ बाल कथा-कविता सेहो एतए आर नियमित रूपसँ पोस्ट होएत से आग्रह करैत छी आ भरोस सेहो दियबैत छी।
सादर।
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