मधुबनी : ‘हम अकेला चलल छेलू जानिब-ए-मंज़िल, लोग साथ आइब गेलैथ और कारवां बनैत गेल’ किछु एहने तरहक बिहार राज्यक मधुबनी जिलाक एगो अधिकारी अप्पन काम स लोग सबहक ध्यान अपना तरफ आकृष्ट करैय पर मजबूर क देलक हन। एक तरप जतअ मैथिल संगठन मिथिला-मैथिली संस्कृति केर अस्तित्व बचेबाक लेल सरकार स लड़ाई लैड़ रहल अछि ओतैय एही सबस हैटक बिहारक मधुबनी जिलाक बेनीपट्टी प्रखंडक प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ अभय कुमार अप्पन प्रयास स मिथिला-मैथिली संस्कृति के धरातल पर जीवंत करबा में लागल छैथ। अधिकारी होबअ के साथ साथ सामाजिक गतिविधी में दिलचस्पी रखैय बला बीडीओ डॉ अभय कुमार अप्पन क्षेत्रक सब सरकारी स्कूल व कार्यालय के नाम मिथिलाक्षर लिपि में लिखबा रहल छैथ, जेहिके धरातल स ल क सोशल साइट्स पर जैमक प्रशंसा भ रहल अछि।
बेनीपट्टी प्रखंडक प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ अभय कुमार अप्पन कार्यालय केर मुख्य द्वार पर सेहो कार्यालय के नाम मिथिलाक्षर में लिखवा चुकल छैथ। ओर अब उ अप्पन क्षेत्रक स्कूल के नाम सेहो मिथिलाक्षर में लिखवा रहल छैथ।एही बात के सब स्कूल के निर्देश जारी क जागरूकता अभियानक तहत मिथिलाक्षर लिपि स स्कूलक नाम लिखवैल जा रहल अछि। अखन तक प्रखंड कार्यालय सहित दर्जन भैर स ज्यादा सरकारी स्कूलक नाम मिथिलाक्षर में लिखल जा चुकल अछि। बीडीओ अभय कुमार कहलैथ कि गर्मी के छुट्टी खत्म होबैय स पहिले बचल सब स्कूल के नाम मिथिलाक्षर में लिखबाक काम पूरा क लैल जैत।
बीडीओ डॉ अभय कुमार कहलैथ कि मिथिलाक्षर लिपि मिथिलाक समृद्धता के सेहो परिचय दैत अछि, सब भाषा के पास अप्पन लिपि सेहो नैय अछि मूदा मैथिलि भाषा के पास रामायण काल कि लिपि मिथिलाक्षर अछि ।