सुशासन पर लागल 'ग्रहण', नीतीश कुमारक नीति पर उठे लागल सवाल

पटना। 10 जनवरी। बिहार मे सुशासनक दावा खोखला साबित भ' रहल अछि। सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर नकेल कसबाक लेल भ्रष्ट अधिकारी सभक संपत्ति जब्त करबाक प्रक्रिया शुरू कायल गेल छल, मुदा सरकारक लापरवाही सँ जब्तीक प्रक्रिया पछिला कैको बरख सँ अधर मे लटकल अछि ।

नीतीश कुमारक यूएसपी सुशासन आओर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस मानल जायत अछि। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अप्पन बेसी भाषण सभमें ई दावा सेहो करैत छथि। किछु बरख पहिने बिहार सरकार भ्रष्ट अधिकारी सभक संपत्ति क' जब्त करी ओहिमे स्कूल खोलबाक प्रक्रिया शुरू केना छल  मुदा आधा दर्जन अधिकारी सभक खिलाफ कार्रवाईक बाद मिशन दम तोएड़ लेलक। 

बिहार सरकार भ्रष्ट अधिकारी सभक संपत्ति जब्तीक लेल बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 केँ पारित केना छल। विभाग लग साल 2016 सँ 4 प्रस्ताव लंबित अछि आओर दिसंबर 2017 सँ 4 प्रस्ताव भेजल जे चुकल अछि। एखन धरी कुल 14 लोगक खिलाफ आर्थिक अनुसंधान इकाई जांच पूरा करी आगुक कार्रवाई लेल प्रपत्र सौंप चुकल अछि। 

भ्रष्ट अधिकारी सभक सूची निम्न प्रकारे अछि;

शेखपुराक तत्कालीन खनिज विकास पदाधिकारी झकारी राम, भागलपुर मे पदस्थापित जिला अवर निबंधक मोहम्मद कमाल अशरफ, तिरुहुतक अधीक्षण अभियंता भरत पूर्वे, समस्तीपुरक लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग मे पदस्थापित कार्यपालक अभियंता नागेश्वर शर्मा, परिवहन विभाग मे पदस्थापित प्रवर्तन अवर निरीक्षक रमेश पाठक, भागलपुर मे पदस्थापित तत्कालीन अपर समाहर्ता श्रीमती जयश्री ठाकुर ग्रामीण कार्य विभाग मे पदस्थापित कार्यपालक अभियंता रामचंद्र गुप्ता, पथ प्रमंडल खगड़िया मे पदस्थापित कार्यपालक अभियंता सत्येंद्र कुमार सिंह, ग्रामीण कार्य विभाग गोपालगंज मे पदस्थापित कार्यपालक अभियंता मिथिलेश कुमार, हाजीपुर मे पदस्थापित वरीय उपसमाहर्ता अभिराम त्रिवेदी, मुजफ्फरपुरक भवन निर्माण विभाग मे पदस्थापित तत्कालीन कार्यपालक अभियंता अवधेश कुमार मंडल, पटनाक भवन निर्माण विभाग मे पदस्थापित कार्यपालक अभियंता रामचंद्र शर्मा, सिवान मे पदस्थापित जिला शिक्षा पदाधिकारी राधा-कृष्ण सिंह यादव आओर गोपालगंज मे पदस्थापित तत्कालीन खान निरीक्षक वीरेंद्र प्रसाद यादवक नाम शामिल अछि।