कोर्ट इयो कहलक कि यदि बच्चा एहि मानव श्रृंखला मे शामिल नहि होयत तेँ सरकार हुनका खिलाफ कुनू तरहक कार्रवाई नहि क' सकैछ। एहि मामलाक सुनवाई चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन केर खंडपीठ केलक। गौरतलब अछि कि हाईकोर्ट ई फैसला शिव प्रकाश राय द्वारा जारी जनहित याचिकाक सुनवाई करैत देलक। एहि मामला मे अब अगला सुनवाई 4 सप्ताहक बाद हो होयत।
शिव प्रकाश राय अप्पन याचिका मे अदालत सँ कहने छल कि ई मामला बाल विवाह अधिनियम 1973 आओरदहेज उन्मूलन एक्ट 1961 केर अछि। एहिमें किछु नवा नहि अछि। राजनीतिक लाभ लेल ऐहिकेँ नवा रूप देल जे रहल अछि। आगा ओ कोर्ट केँ कहलनि कि पछिला बरख सेहो शराबबंदी कानूनक समर्थन मे मानव श्रृंखला केर आयोजन कायल गेल छल।
अपने क' बता दी कि राज्य सरकार पछिला एक मॉस सँ दहेज प्रथा आओर बाल विवाहक विरुद्ध जनता मे जागरुकता अभियानक लेल मानव श्रृंखला बनेबाक तैयारी क' रहल अछि।