ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड केर प्रवक्ता मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी कहलनि कि एहि विधेयक मे सुधार, संशोधन आओर हटेबाक लेल लोकतांत्रिक तरिका सँ जे भी डेग उठबे परत, हम सभ उठायब। फिलहाल हम सभ कोर्टक जेबा पर कोनो विचार नहि क' रहल छी। ई विधेयक जल्दबाजी मे आनल गेल अछि। सरकार क' एहि मामला पर बोर्ड क' अप्पन विश्वास मे लेबाक चाही।
सुप्रीम कोर्टक फैसला आओर संविधान केर विपरीत कुनु भी विधेयक यदि संसद से पारित होयत अछि तेँ ओहिकें शीर्ष अदालत मे चुनौती देबाक विकल्प सदिखन खुजल रहैत अछि। हमरा सभक लीगल कमिटी सेहो सुझाव देना अछि कि ऐहिकेँ अदालत मे चुनौती देल जे सकैत अछि। ओनाकि हम सभ एहि विधेयक के पारित भेलाक बाद कानून लागू भेला पर अदालत जेबाक फैसला करब।