नीतीश कुमार केँ पूर्ण शराबबंदी क' हाईकोर्ट के एक आओर झटका, धारा 76(2) असंवैधानिक घोषित

पटना। 07 नवम्बर। बिहार सरकार केँ पूर्णशराबबंदी क' पटना हाईकोर्ट द्वारा फेर एकबेर झटका दैत शराब अधिनियम केर तहत अभियुक्त बनाओल गेल लोग सभके अग्रिम जमानत प्रदान करबाक निर्देश देल गेल अछि। अदालत द्वारा नवा शराब अधिनियम केर धारा 76(2) केँ असंवैधनिक करार देल गेल अछि।

कैल्हि सोम दिन अदालत ई स्पष्ट केलक कि शराब अधिनियम केर तहत बनाओल गेल अभियुक्त सभके हाईकोर्ट के अलावा निचला अदालत सभसँ सेहो अग्रिम जमानत द' देल जायत। अपने क' बता दी 22 सितम्बर क' एहि मामला मे सुरक्षित राखल गेल आदेश मे कैल्हि सोम दिन अदालत अप्पन फैसला सुनेलक। 

जस्टिस के.के. मंडल एवं जस्टिस मधुरेश प्रसाद केर खंडपीठ द्वारा मनीष कुमार उर्फ लोकेश कुमार सहित आन सभक दिस सँ दायर याचिका पर सुनवाई पूरा करैत सुरक्षित राखल गेल आदेश म' अप्पन फैसला सुनेलक। सुनवाई केर क्रम मे अभियोजन पक्ष केर अधिवक्ता कहलनि कि दायर याचिका सुनवाई योग्य नहि अछि।

अदालत केँ बताओल गेल छल बिहार के नवा शराब कानून 2016 केर धारा 76(2) के तहत ई प्रावधान कायल गेल अछि कि एहेन मामला मे अग्रिम जमानत प्रदान नहि कायल जायत। एहि मामला मे पटना हाईकोर्ट केँ  एकलपीठ द्वारा सेहो नवा शराब नीति कानून केर धारा 76(2) क' स्पष्ट करैत कहल गेल छल कि ऐहिक तहत कोनो अभियुक्त क' शराब केर मामला मे अग्रिम जमानत नहि देल जे सकैत अछि, जाधरि न्यायालय द्वारा उक्त धारा क' गैर संवैधानिक नहि घोषित कायल जायत अछि। ऐहिक संगे अदालत द्वारा इयो स्पष्ट कायल गेल छल कि यदि निचला अदालत शराब मामला मे पकड़ाओल वा आत्मसमर्पण कायल गेल अभियुक्त सभक जमानत नामंजूर करैत अछि तेँ हुनका अप्पन आदेश मे एहि बातक स्पष्ट उल्लेख करबाक होयत कि कुन कारण सँ अभियुक्त केर जमानत नामंजूर कायल गेल। 

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