दू दशक बाद जागल "रैयाम चीनी मिल" फेरसँ चालू होयबाक आस, एमएसयू उठेना छल आवाज

दरभंगा। 30 नवम्बर। दू दशक बाद मिथिलांचलक बंद पड़ल "रैयाम चीनी मिल" केँ फेरसँ चालू होयबाक आस जागल अछि। कैल्हि बुध दिन "श्री तिरहुत इंडस्ट्रीज" द्वारा रैयाम चीनी मिल क' फेरसँ चालू करबाक प्रक्रिया शुरू कायल गेल। कैल्हि कम्पनी केँ एमडी प्रदीप चौधरी आ फैक्ट्री लगेबाक लेल ठेका लेबै बला पूना केँ कम्पनी "हाईटेक इंजियरिंग कॉर्पोरेशन" केँ सीएमडी संजय औटी करीब दू बजे पहुँच रैयाम चीनी मिल केर मुआयना केलनि। तत्पश्चात नारियल फोएड़ फैक्ट्री निर्माण कार्य केर शुरुआत सेहो केलनि।


हाईटेक इंजियरिंग कॉर्पोरेशन केँ सीएमडी संजय औटी कहलनि कि सभ किछु ठीक ठाक रहल तेँ जनवरी 2018 केँ पहिल सप्ताह मे निर्माण काज  शुरू भ' जायत। अपने क' बता दी 500 टीसीबी केर क्षमता बला रैयाम चीनी मिल सँ 28 मेगावाट बिजली केर सेहो उत्पादन होयत। ऐहिक संगे संग 60 केएलपी इथेनॉल बनेबाक फैक्ट्री सेहो लगाओल जायत। श्री तिरहुत इंडस्ट्रीज केँ एमडी प्रदीप चौधरी कहलनि कि फैक्ट्री निर्माण करबाक सभ सरकारी प्रक्रिया पूरा क' लेल गेल अछि। दिसम्बर 2018 धरी फैक्ट्री चालू होयबाक उम्मीद अछि। 

अपने क' बता दी देश विदेश मे उत्तम किस्म केँ चीनी उत्पादन करबाक लेल मशहूर ई चीनी मिल 1995 मे पूर्णतः बन्द भ' गेल छल। बताओल जे रहल अछि कि पुरनका मॉडल केँ जर्जर मशीन सभक कारण एहि मिल केँ  उत्पादन क्षमता बहुत कम भ' गेल छल जाहिक कारण ऐहिके बंद करे पड़ल छल। रैयाम चीनी मिल केर स्थापना 1914 मे भेल छल। 1973 मे राज्य सरकार द्वारा ऐहिक अधिग्रहण कायल गेल छल। मिल बंद होयबाक बाद 2010 मे तत्कालीन एनडीए केर सरकार द्वारा ऐहिके चालू करबाक प्रयास शुरू कायल गेल छल। तत्कालीन ओएस गणपति मिश्र द्वारा 15 अप्रैल 2010 क' रैयाम चीनी मिल केर दौरा कायल गेल छल आओर मिल केँ चाबी कम्पनी क' सौपल गेल छल। ओहि सभय कम्पनी केँ एमडी द्वारा  2011 मे चीनी मिल चालू करबाक घोषणा कायल गेल छल नुदा कोनो कारण बस मिल चालू नहि भेल छल। 


अपने क' बता दी रैयाम चीनी मिल क' फेरसँ चालू करेबाक लेल पछिला 2 बरख सँ "मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU)" द्वारा आंदोलन चलाओल जे रहल छल। एहि आंदोलन केर क्रम मे 28 मई 2017 क' जखन मिथिला स्टूडेंट यूनियन केर सेनानी सभ कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के दिल्ली स्थित आवास केर घेराव केना रहथिन तेँ श्री सिंह द्वारा आश्वासन देल गेल छल कि रैयाम चीनी मिल लेल एहि बरख दिसम्बर धरी नीक खबैर भेटत। 

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