प्रयोगशाला लेल एखन धरी कुनु तरहे ई सभ सामान किनल जाएत छल। प्रयोगशाला के सभ अधिकारी क' एहि बरख फरवरी माह म' कहल गेल छल कि जाधरि कुनु आओर विकल्प नहि भेटैत अछि ताधरि इंजेक्टा केर उपयोग काएल करू। इंजेक्टा एक तरहक मिथेलिएटेड स्प्रीट होएत अछि। अधिकारी सभक मानब अछि कि इंजेक्टा सँ काएल गेल जांच म' 40 प्रतिशत आंकड़ा गलत होएत अछि।
प्राप्त सूचनाक मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आब एहि मामला पर संज्ञान लेना छथि। बिहार म' अक्टूबर 2016 म' प्रॉहिबिशन एंड एक्साइज एक्ट पास भेल छल। एहि कानून के बाद हर प्रकार के एल्कोहल क' राज्य म' बैन काएल गेल छल जाहिमे मिथेलिएटेड स्प्रीट आओर एथेनॉल सेहो शामिल अछि। ऐहिक प्रयोग बेसी तौर पर मेडिकल जांच के लेल सभ तरहक प्रयोगशाला म' होएत अछि। बिहार म' एहि समय 732 चिन्हित माइक्रोस्कोपी प्रयोगशाला आओर 60 माइक्रोस्कोपी प्रयोगशाला अछि जाहिक कुनु रिकॉर्ड नहि अछि। ऐहिक अलावा पटना म' टीबी के जांच लेल एक रेफ्रेंस लाइब्रेरी सेहो अछि।
अपने क' बता दी एहि सभ प्रयोगशाला क' एक बरख म' अगबे टीबी के जांच करबाक लेल करीब 2,000 लीटर मिथेलिएटेड स्प्रीट आओर एतबे एथेनॉल केर जरूरत पड़ैत अछि। अधिकारी सभक मुताबिक प्रयोगशाला म' एथेनॉल के स्टॉक छल मुदा जखन कानून बनल तेँ ई स्टॉक सिर्फ चारि सँ छह माह तक के लेल छल। ओनाकि शराबबंदी के बाद टीबी जांच के संख्या म' कुनु कमी नहि आएल अछि, तैयो राज्य भरी म' एहि बीमारी के पड़ताल करै बला अधिकारी सभ अलर्ट जारी केना छथि। बिहार म' बरख 2016 म' टीबी के 64,178 केस सामना आएल छल। बरख 2013 म' 64,937 आओर बरख 2014 तक ऐहिक 68, 145 मामला दर्ज भेल छल। सभसँ बेसी केस मुजफ्फरनगर, गया, पटना, दरभंगा आओर सारण जिला म' दर्ज भेल छल।
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