श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष : आए बड्ड धूमधाम सँ मनाओल जाएत श्री कृष्ण जन्माष्टमी

मधुबनी। 14 अगस्त। [मिहिर कुमार झा "बेला"] श्री कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण केर जन्मोत्सवक रूप म' मनाओल जाएत अछि। ई पाबनि अगबे भारत म' नहि अपितु विदेश म' रहनिहार भारतीय सेहो खूब आस्था व उल्लासक संग मनबैत छथि। पौराणिक ग्रंथ सभक मुताविक भगवान श्री कृष्ण केँ जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्षक अष्टमी दिन  रोहिणी नक्षत्र म' मध्यराति म' भेल छल। यदि भाद्रपद मास म' आबै बला कृष्ण पक्ष केर अष्टमी दिन यदि रोहिणी नक्षत्र केर संयोग होएत अछि तेँ आओर फलदायक मानल जाएत अछि, ऐहिके जन्माष्टमी के संगे संग  जयंतीक रूप म' सेहो मनाओल जाएत अछि। 

अपने क' बता दी आए 14 अगस्त क' जन्माष्टमी पाबनि मनाओल जाएत ओतहि वैष्ण सभ कैल्हि 15 अगस्त क' जन्माष्टमी मनौता। 

देवता सभमे भगवान श्री कृष्ण विष्णु के एकलौता एहेन अवतार अछि जिनक जीवन के हर रूप म' अलग रंग देखकर दैत अछि। हुनक बचपन लीला सँ भरल अछि। हुनक युवावस्था रासलीला केर खिस्सा कहैत अछि, एक राजा आओर मित्रक रूप म' ओ भगवद भक्त आओर गरीब सभक दुखहर्ता बनैत छथि तेँ युद्ध म' कुशल नितिज्ञ। 

महाभारत म' गीता केर उपदेश सँ कर्तव्यनिष्ठा केर जे पाठ भगवान श्री कृष्ण पढ़ौलनि अछि आए ओहिक अध्ययन करबा पर हर बेर नवा अर्थ निकैल सामना आबैत अछि। भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेबा सँ ल'क' हुनका मृत्यु धरीक बहुतो रास रोमांचक खिस्सा अछि। एहि श्री कृष्ण के जन्मदिन क' हिंदू धर्म म' आस्था रखनिहार आओर भगवान श्री कृष्ण क' अपन आराध्य माननिहार जन्माष्टमी के रूप म' मनबैत छथि। आजुक  दिन भगवान श्री कृष्ण केर कृपा प्राप्त करबाक लेल भक्तजन उपवास राखैत छथि आओर भगवान श्री कृष्ण के पूजा अर्चना करैत छथि।  

जन्माष्टमी पाबनिक तिथि व मुहूर्त;

14 अगस्त 2017
निशिथ पूजा 00.03 सँ 00.47
पारण. 17.39 (15 अगस्त) के बाद

रोहिणी समाप्त - रोहिणी रहित जन्माष्टमी

अष्टमी तिथि आरंभ -19.46.36 (14 अगस्त)
अष्टमी तिथि समाप्त – 17.40.43 (15 अगस्त)

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