समस्तीपुर सँ 23 किलोमीटर दूर सिंधिया घाट पर नागपंचमी के दिन अद्भुत मेला लागैत अछि। एहि मेला म' लोगसँ बेसी सांप रहैत अछि। एहि मेला म' सभक हाथ म' सांप देखबाक लेल भेटत। नागपंचमी के दिन सांप सभक पूजा होएत अछि।
स्थानीय लोग सभक मुताबिक एता 300 बरख सँ ई अद्भुत मेला लागैत अछि। एहिठाम नागपंचमी के दिन नाग सभकेँ पकैड़ पूजा करबाक प्रथा अछि। पहिला ज़माना म' ऋषि मुनि सांप सभसँ किनको डर नहि लागे आओर सांप किनको काटे नहि एहिलेल कुशक सांप बना पूजा अर्चना करैत छथि। आए अस्थिर - अस्थिर ज़माना बदैल रहल अछि। आब लोग असली सांप पकैड़ पूजा करैत छथि।
स्थानीय लोग सभक मुताबिक़ आए धरी एता सांप किनको नहि काटने अछि। दूर - दूर सँ लोग एता मेला देखा आबैत अछि। सांप क' देखला सँ किनको डर नहि, बल्कि खुशी होएत छैन्ह।
1 टिप्पणियाँ
हमर गाम भेल - टभका ग्राम पंचायत/समस्तीपुर। एहू पंचायत में, हम बतौर व्यक्तिगत - बचपने सौं, एहि पूजा के देखैत छलहुँ/परञ्च आब- "छोरा देश छोरा भेष" के चरितार्थ क-रहल छी?
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