मुश्किल में 'पीके', खत्म भs सकैत अछि राज्यमंत्री के दर्जा



30 मार्च। पटना। नीतीश कुमार कs सलाहकार आर बिहार विकास मिशन के कर्ताधर्ता 'पीके' यानी प्रशांत किशोर मुश्किल में फंसैत लागि रहल छैथ। पीके यानि प्रशांत किशोर कहां छैथ इ सवाल बीजेपी नेता सुशील मोदी बार-बार नीतीश कुमार सs पूछी रहल छैथ। आब एही मामला में एक नया मोड़ आबि गेल अछि। 

बिहार के राजेश कुमार जायसवाल नामक' शक्ति प्रशांत किशोर के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में 'क्यो वारंटो' दाख़िल केलैथ। एही में संविधानक' किछ धारा के ज़िक्र करैत सवाल उठैल गेल अछि की आख़िर प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री के परामर्शी सलाहकार के पद पर किया बहाल कैल गेल आर राज्य मंत्री के दर्जा किया देल गेल ?

प्रशांत किशोर के पद देल गेल तs नियम कहैत अछि कि अगर छह महीना तक मंत्री परिषदक' कोनो सदस्य अगर मंत्रिमंडल के काज में भाग नै लेत तs हुनका पर कार्रवाई होबाक  चाही।  

राजेश के मुताबिक प्रशांत किशोर जहिया सs बिहार विकास मिशन के कर्ताधर्ता बनला अछि आ राज्य मंत्रीक' दर्जा हुनका भेटल अछि ताहि दिन स ओ एको बेर मंत्रीपरिषद के कोनो मीटिंग में शामिल नै भेला आर नै ओ बिहार विकास मिशन के कार्यालय में एलैथ। ऐना में हुनका वेतन आर भत्ता किया देल जा रहल अछि ?

की होयत अछि  'क्यो वारंटो' ?

क्यो वारंटो सs मतलब एहन वारंट सs होयत अछि जाहि में कोनो टैक्स पेयर यानी सरकार के टैक्स देबा वाला व्यक्ति हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर करि सकैत अछि। धारा 32 के तहत राजेश याह रिट सुप्रीम कोर्ट में दायर केलैथ। एही में कार्रवाई संभव अछि आर पीके के नियुक्ति पर सवाल थाड करैत हुनका पर नोटिस जारी भ सकैत अछि। 

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