नोटबंदी केँ एक मास : सुधरल हाल या इकॉनमी भ' रहल अछि बेहाल !

पटना। 08 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर क' 500 आर  1000 टक्का केँ पुरनका नोट क' बैन करबाक फैसला क' एक मास पूरा होयबाक बावजूद आम जनता क' कैश कमी केर समस्या सँ राहत भेटब नजरि नहि आइब रहल अछि। एखनहुँ बैंक व एटीएम केँ बाहर नमहर - नमहर लाइन लागि रहल अछि आर लोग सभ क' कैश नहि भेट रहल छैन्ह। नोटबंदी केँ फैसला सँ किसान आर ग्रामीण इलाका म' लोग बहुत बेसी परेशान भ' रहल छैथ। कैशक कमी केँ कारण किसान सभक फसल नहि बिक रहल छैन्ह आर ओ बीया - खाद किनबा म' असमर्थ छैथ। एहि बिच रद्द कायल गेल 500 आर 1000 केँ 11 . 5 लाख करोड़ टक्का बैंक म' जमा भ' चुकल अछि। 

नोटबंदी केँ असर सभ सँ बेसी किसान सभ पर परल छैन्ह। किसान सभ धानक फसल नही बेच पाइब रहल छैथ किएक जे खरीददार पुरनका नोट म' पेमेंट ऑफर करैत छैन्ह। कैशक कमी केर कारण आलू आर टमाटर एहेन फसल नहि बिक रहल अछि आर 80 प्रतिशत फसल खराब भ' रहल अछि। 

नोटबंदी के बाद मोदी सरकार डिजिटल पेमेंट क' बढ़ावा देबाक कैको डेग उठेलन्हि, सरकार केँ अनुमान छल कि एहि फैसला सँ  ई-पेमेंट क' बढ़ावा भेटत। लेकिन एहेन बुझायत अछि कि डिजिटल पेमेंट सँ जुडल कंपनि सभ क' एखन धरी बेसी फायदा नहि भेल अछि। पेटीएम, मोबिक्विक आर फ्रीचार्ज जेहेन ऑनलाइन वॉलिट कंपनि सभ काफी ग्रोथ केर बात क' रहल अछि लेकिन र‍िजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के आकड़ा बहुत बेसी  ग्रोथ के तस्वीर पेश नहि क' रहल अछि। आरबीआई के मुताबिक, डिजिटल पेमेंट लेल जतेक अपेक्षा कायल गेल छल, आता धरी नहि पहुँचल। 

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