मोकामा। 13 अक्टूबर। मजहब केर ठेकेदार भलेहि अप्पन धर्म केँ आड़ म' लोग सभ क' भड़का क' समाजक लोग सभ क' छोट - छोट बात पर लड़ा क' स्वार्थक रोटि सकैत अछि लेकिन भारत एहेन धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र् म' एहनो लोग छैथ जे पूरा देश क' अमन शांति आर भाईचारा केर मिसाल पेश करि एक नव संदेश दैत छैथ। पटना जिला केँ बाढ़ अनुमण्डल म' दशहरा आर मोहर्रम ल'के एहने संदेश देखबाक लेल भेटल। मोकामा टाल के एहि इलाका म' सांप्रदायिक सौहार्द केर अनौखा मिसाल देखबाक लेल भेटल। भदौर थाना अंतर्गत दरवे एक एहेन गाम अछि जते हिन्दू आर मुस्लिम म' कुनू भेद नै मानल जायत अछि। हिन्दू आर मुस्लिम दुनु मजहब के लोग म' अप्पन परिजन एहेन मेल मिलाप छैन्ह। दुनु धर्म के लोग दशहरा आर मुहर्रम म' भेद-भाव नै जानैत छैथ। एहिठामक मुस्लिम दशहरा सेहो मनबैत छैथ आर तजिया सेहो खेलैत छैथ।
दरबे गांव म' मात्र एक मुस्लिम परिवार छैथ। पूरा इलाका म' इ एकमात्र मुस्लिम परिवार गाम म' रही अप्पन धर्मक पालन करैत छैथ। मोकामा टाल के गाम दरबे म' दशहरा पांच दिनक होयत अछि। अश्विन पूर्णिमा यानी 16 अक्तूबर तक मां दुर्गा केर प्रतिमा एहिठाम विराजमान रहत आर 16 अक्तूबर क' माता केँ प्रतिमा केर विसरजान होयत। मुहर्रम सेहो एहिठाम कैल्ह गुरुवार दिन मनाओल गेल। खास बात इ अछि कि एकमात्र मुस्लिम परिवार बला एहि गाम म' बहुसंख्यक आबादी केर लोग सेहो अल्पसंख्यक समुदाय केर संग मिल तजिया बनबैत छैथ आर हर्षोल्लास केर संग मुहर्रम मनबैत छैथ।
गामक लोग चंदा करि क' मुहर्रम मनेबाक लेल सामान आनी अप्पन हाथ सँ सीपहर आर तजिया बना कंधा पर उठा घुमबैत छैथ। सवर्ण केर बहुलता बला एहि इलाका क' दबंगई के लेल सेहो जानल जायत अछि, लेकिन दशकों सँ मेल मिलाप केर परंपरा एखन धरीजारी अछि। स्थानीय लोग मुस्लिम सँ भेद भाव केना बिना अप्पन परिवार जोका मानैत अछि। एहिठामक मुस्लिम खुद क' गौरवान्वित महसूस करैत छैथ संगहि हुनका सभ क' एहि गांव म' जन्म लेबा पर गर्व होयत छैन्ह। कैल्ह गुरुवार दिन मुहर्रम केँ मौक़ा पर निकलल जुलूस म' बहुसंख्यक समाजक लोग सेहो ढ़ोल नगाड़ा लाठी डंडा केर संग करतब देखबैत देखेला। एहि गामक सभ सँ पैघ खासियत इ अछि कि एकहि स्थान पर मां दुर्गा केर मंदिर छैन्ह आर मंदिर केर ठीक सामना म' मजार अछि। एहि गाम म' कहियो तनाव तेँ दूर मामूली विवाद सेहो नै भेल अछि।
दरबे गांव म' मात्र एक मुस्लिम परिवार छैथ। पूरा इलाका म' इ एकमात्र मुस्लिम परिवार गाम म' रही अप्पन धर्मक पालन करैत छैथ। मोकामा टाल के गाम दरबे म' दशहरा पांच दिनक होयत अछि। अश्विन पूर्णिमा यानी 16 अक्तूबर तक मां दुर्गा केर प्रतिमा एहिठाम विराजमान रहत आर 16 अक्तूबर क' माता केँ प्रतिमा केर विसरजान होयत। मुहर्रम सेहो एहिठाम कैल्ह गुरुवार दिन मनाओल गेल। खास बात इ अछि कि एकमात्र मुस्लिम परिवार बला एहि गाम म' बहुसंख्यक आबादी केर लोग सेहो अल्पसंख्यक समुदाय केर संग मिल तजिया बनबैत छैथ आर हर्षोल्लास केर संग मुहर्रम मनबैत छैथ।
गामक लोग चंदा करि क' मुहर्रम मनेबाक लेल सामान आनी अप्पन हाथ सँ सीपहर आर तजिया बना कंधा पर उठा घुमबैत छैथ। सवर्ण केर बहुलता बला एहि इलाका क' दबंगई के लेल सेहो जानल जायत अछि, लेकिन दशकों सँ मेल मिलाप केर परंपरा एखन धरीजारी अछि। स्थानीय लोग मुस्लिम सँ भेद भाव केना बिना अप्पन परिवार जोका मानैत अछि। एहिठामक मुस्लिम खुद क' गौरवान्वित महसूस करैत छैथ संगहि हुनका सभ क' एहि गांव म' जन्म लेबा पर गर्व होयत छैन्ह। कैल्ह गुरुवार दिन मुहर्रम केँ मौक़ा पर निकलल जुलूस म' बहुसंख्यक समाजक लोग सेहो ढ़ोल नगाड़ा लाठी डंडा केर संग करतब देखबैत देखेला। एहि गामक सभ सँ पैघ खासियत इ अछि कि एकहि स्थान पर मां दुर्गा केर मंदिर छैन्ह आर मंदिर केर ठीक सामना म' मजार अछि। एहि गाम म' कहियो तनाव तेँ दूर मामूली विवाद सेहो नै भेल अछि।
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