बीहनि कथा (औठगन) - वी०सी०झा "बमबम"

~ बउआ , रउ बउआ - - - -
~ आंय - - - ! कि कहय छंऽ ?

~ उठ ने रउ , कतेक भुकबय छंऽ ?
~ आंय एखने ? एखन तऽ अन्हारे छय !

~ देखही ने सब उठबो केलय आ तोंऽ - - -
~ सब उठलय तऽ हम कि देखबय अयमे ?

~ रउ बतपदौना उठलैं कि पानि देबउ देह पर ?
~ परंच आय एखने किआ उठबय गई ?

~ ओंठगन नहि करबहि  कि ?
~ हँ हँ ऽ ! हे हइया उठलहुं ! परंच अमौट घोरने छंऽ कि ?

~ नय चूरा - दही छउ !
~ गऽई माय , जाबत अमौट नहिं घोरबैंऽ ताबत हम नहिं उठबउ ! आ नहि ओंठगन करबउ से बुझि लहि !

~ बाउ ! आब अमौट कतय संऽ अनबय ?
~ तखन हम निंन कतय संऽ तोरबय ?
आ ओंठगन कोना कऽ करबय ?


  वी०सी०झा"बमबम"
                                 कैथिनियाँ

Post a Comment

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

और नया पुराने