गया। 10 अगस्त। गया जिला म' करीब 60 बरख सँ अगरबत्ती निर्माणक उद्योग चैल रहल अछि। ओना तेँ, एहि क्षेत्र म' वियतनाम केँ ऐला सँ व्यवसाय पर असर पड़ल अछि, लेकिन एहि बाधा केँ बावजूद स्थानीय निर्माता रोजाना ढ़ाई करोड़ तक केँ व्यवसाय करैत छैथ।
गया मेँ बनाई बला अगरबत्ती केर अप्पन अलग पहचान अछि। एहिठामक अगरबत्ती देश केर कोना - कोना मेँ जायत अछि। एहि उद्योग सँ करीब पांच लाख कारीगर जुड़ल छैथ। एक लाख सँ बेसी घर मेँ पसरल एहि कुटीर उद्योग मेँ प्रतिदिन करोड़ों अगरबत्ती केर काठी बनैत अछि। एहिठामक व्यवसायी चार हजार सँ बेसी मशीन रखला सँ वियतनाम केँ अगरबत्ती उद्योग क' चुनौती द रहल छैथ।
गया म' बनाई बला अगरबत्ती पूरा देश मेँ सप्लाई होयत अछि। जिला केँ शहरी क्षेत्रक पंचायती अखाड़ा, गेवाल बिगहा, वारिस नगर, इकबाल नगर, नादरागंज, कटारी, माड़नपुर, घुघरीटांड, बक्सू बिगहा केर अलावा रफीगंज, चेरकी, शेरघाटी, गुरुआ, डोभी, चाकंद, बेलागंज, मानपुर, बोधगया मेँ एहिकेँ निर्माण होयत अछि।
एहिठाम इंडिया टोबैको कारपोरेशन(आइटीसी) केँ 'मंगलदीप', गया केँ कंपनी 'हिंदुस्तान फ्रेगरेंस' व मैसूर केँ कंपनी 'साइकिल ब्रांड' केँ अगरबत्ति सभक निर्माण बतौर अनुबंध कैको बरख सँ भ' रहल अछि।
किछ मास पहिने अगरबत्ती उद्योग मेँ गया केँ उद्यमि सभक एकाधिकार टूटल अछि। आन देश, खास करिकेँ वियतनाम एहि मेँ रूचि लेना अछि। वियतनाम केँ अगरबत्ती उद्योग सँ स्थानीय व्यवसाय प्रभावित जरूर भेल छैथ, लेकिन टूटल नै छैथ। एहिठामक उद्यमी वियतनाम क' कड़ा टक्कर द रहल छैथ।
अगरबत्ती व्यवसायी जमीर शहीदी कहला, ''सरकार एहि व्यवसाय केँ बढ़ाबा देबाक लेल कुनु डेग नै उठबैत छैथ, नै तेँ वियतनाम सेँ आबै बला अगरबत्ती सँ नीक अगरबत्ती एहिठामक कारीगर बना सकैत छैथ।'' एक आन उद्यमी कहला कि सरकार बढ़ावा दिये तेँ गया केर अगरबत्ती उद्योग एशिया मेँ सभ सँ आगू रहत। एहि उद्योग मेँ एतेक संभावना अछि कि सूबे सँ भ' रहल मजदूर सभक पलायन सेहो रुइक सकैत अछि।
गया मेँ बनाई बला अगरबत्ती केर अप्पन अलग पहचान अछि। एहिठामक अगरबत्ती देश केर कोना - कोना मेँ जायत अछि। एहि उद्योग सँ करीब पांच लाख कारीगर जुड़ल छैथ। एक लाख सँ बेसी घर मेँ पसरल एहि कुटीर उद्योग मेँ प्रतिदिन करोड़ों अगरबत्ती केर काठी बनैत अछि। एहिठामक व्यवसायी चार हजार सँ बेसी मशीन रखला सँ वियतनाम केँ अगरबत्ती उद्योग क' चुनौती द रहल छैथ।
गया म' बनाई बला अगरबत्ती पूरा देश मेँ सप्लाई होयत अछि। जिला केँ शहरी क्षेत्रक पंचायती अखाड़ा, गेवाल बिगहा, वारिस नगर, इकबाल नगर, नादरागंज, कटारी, माड़नपुर, घुघरीटांड, बक्सू बिगहा केर अलावा रफीगंज, चेरकी, शेरघाटी, गुरुआ, डोभी, चाकंद, बेलागंज, मानपुर, बोधगया मेँ एहिकेँ निर्माण होयत अछि।
एहिठाम इंडिया टोबैको कारपोरेशन(आइटीसी) केँ 'मंगलदीप', गया केँ कंपनी 'हिंदुस्तान फ्रेगरेंस' व मैसूर केँ कंपनी 'साइकिल ब्रांड' केँ अगरबत्ति सभक निर्माण बतौर अनुबंध कैको बरख सँ भ' रहल अछि।
किछ मास पहिने अगरबत्ती उद्योग मेँ गया केँ उद्यमि सभक एकाधिकार टूटल अछि। आन देश, खास करिकेँ वियतनाम एहि मेँ रूचि लेना अछि। वियतनाम केँ अगरबत्ती उद्योग सँ स्थानीय व्यवसाय प्रभावित जरूर भेल छैथ, लेकिन टूटल नै छैथ। एहिठामक उद्यमी वियतनाम क' कड़ा टक्कर द रहल छैथ।
अगरबत्ती व्यवसायी जमीर शहीदी कहला, ''सरकार एहि व्यवसाय केँ बढ़ाबा देबाक लेल कुनु डेग नै उठबैत छैथ, नै तेँ वियतनाम सेँ आबै बला अगरबत्ती सँ नीक अगरबत्ती एहिठामक कारीगर बना सकैत छैथ।'' एक आन उद्यमी कहला कि सरकार बढ़ावा दिये तेँ गया केर अगरबत्ती उद्योग एशिया मेँ सभ सँ आगू रहत। एहि उद्योग मेँ एतेक संभावना अछि कि सूबे सँ भ' रहल मजदूर सभक पलायन सेहो रुइक सकैत अछि।
0 टिप्पणियाँ
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।