
देवशयनी एकादशी 15 जुलाइ:-मानल जाईत अइछ की अखाड़ के शुक्ल पक्षक एकादशी के दिन भगवान बिष्णु चारि महीना के लेल शयन कक्ष में चैल जाइत छैथ एही एकादशी के हरिशयन एकादशी सेहो कहल जाइत छैक, एही हरिशयनी एकादशी के बाद देवोठान एकादशी तक शुभ कार्य बाधित रहैत अइछ, मानल जाइत अइछ जे इ ब्रत केला स संकट स सेहो मुक्ति भेटैत छैक, ब्रह्म पुराण के अनुसार भगवान बिष्णु के उपासना केला स ईश्वर प्रिय बनै के मौका भेटैत छै, बिश्राम के इ महत्व छै जे जखन थाकि जाइत छी त जीवनचर्या में बदलाव आबी जाइत छै ओहि लेल भगवान बिष्णु सेहो आराम करै लेल हरिशयन एकादशी में जाइत छैथ।।
ओहि लेल 15 जुलाइ स 10 नवंबर तक विवाह के सेहो मुहूर्त नै छै आ आब मुहूर्त 11 नवंबर क देवोठान एकादशी के बाद हेत।।
एही समय में सिर्फ भजन कीर्तन खूब क सकैत छी एही चतुर्माश में बियाह उपनयन मुंडन सहित सब मांगलिक कार्य बाधित रहैत अइछ।।
0 टिप्पणियाँ
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।