कसरौर में 3 मास सँ चलैत भोज आ अवगत होउ आयोजक शम्भू बाबा आ माई ज्वालामुखी सँ
दरभंगा जिलाक गौड़ाबौराम प्रखंडक ज्वालामुखी-कसरौर मे एखन शंभु बाबा (ज्वालामुखी माई के पुजारी) के मायक श्राद्धक चर्चा मिथिले टा नहि देश भरि में भ रहल अछि।कहल जाइत छैक जे माँ ज्वालामुखी के चमत्कार सँ २० साल सँ बीमार शंभु बाबा एकाएक ठीक भ गेल छलाह।तकर बाद सँ शंभु बाबा अन्न-जल त्यागि देलैनि। एहि बीच हिनकर माय १० फरवरी १६ के स्वर्गवासी भ गेलखिन्ह। १८ फरवरी १६ सँ शुरू श्राद्धक भोज मे एखन तक तीन लाख सँ उपर लोक भोजन कय चुकलथि अछि। ५०-६० हलुआई आ कतेको कार्यकर्ता रोजाना सात सँ आठ हजार लोकक भोजन के व्यवस्था करैत छथि। दरभंगा,मधुबनी,आ कतेको जिला के लोक एहि भोज में आबि चुकलाह ।साधारण परिवारक शंभु बाबा कतय सँ एतेक लोकक भोजनक व्यवस्था क रहल छथि से चमत्कारिक आ चर्चा के विषय छैक।
ज्वालामुखी माई आ शम्भू बाबा के संक्षिप्त जानकारी:-
कसरौड़ केर ज्वालामुखी भगवतीक ख्याति दूर-दूर तक पसरल अछि। एतय श्रद्धालु सिमरिया सँ गंगाजल भैर के मंदिर म अर्पण करैत छथि। मैयाक दरबार म सच मन सँ जे किछु मांगल जैत अछि माता ओय सँ अधिक दैत छथिन्ह। ताहि कारणे लोक साल भरि मंदिर म भगवती क स्थायी पिंडक पूजा करबाक हेतु दूर-दूर सँ पहुंचैत छथि। बुजुर्ग श्री रामलोचन मिश्र जी कें अनुसार मानि त सैकड़ों बरख पूर्व भगवती हिमाचल प्रदेश म अनन्य भक्त उफरौल गांव क लखतराज पाडेय क साक्षात दर्शन देने छलीह आ हुनका सँ वरदान मांगै लेल कहलनि। हिमाचलक ज्वालामुखी दरबार म सेवा क रहल भक्त पाडेय मैया सँ हुनका संगे अपना गाम चलबाक याचना केलनि। माता हुनक बात मानि हुनक संग चैल देलथीन। लखतराज कसरौड़क जंगल सँ जा रहल छलाह। कनी दूर चलला पर थकानक एहसास भेला पर ओ एकटा स्थान पर बैस विश्राम करय लगलाह। किछ समय पश्चात ओ भगवती सँ गांव चलैक आग्रह केलनि। भगवती कसरौड़ वनक सुंदर आ स्वच्छ वातावरण देखि ओतय स्थापित हेबाक इच्छा जतेलनि। भक्त पांडेय हुनक आग्रह स्वीकार कय ओतय भगवती के स्थापित क देलथीन। आसपास क भक्तक द्वारा निर्जन वन म भगवतीक पूजा अर्चना होमय लागल। कालान्तर म ई कसरौड़ भगवतीक रूप म विख्यात भेलिह। वर्तमान में श्री लोचन मिश्र के अनुसारें भगवती के परम भक्त शम्भू बाबा बिना अन्न-जलक रहि 25-30 वरख सँ एखन धरि भगवतीक सेवा म लागल छथि।
जय माँ ज्वाला मुखी
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