एके बेर ओ मारूक मुस्की मारि गेलै
हम नै बुझलियै आ ई करेजा हारि गेलै
चंचल मोन आसक दीप कहियो नै जरेलक
प्रेमक खड़रि माचिस ओकरा ओ बारि गेलै
प्रेमक खड़रि माचिस ओकरा ओ बारि गेलै
बनलौं चित्र छी मदहोश बिनु पीने शराब
छातीमे हमर नैना अपन जे गाड़ि गेलै
छातीमे हमर नैना अपन जे गाड़ि गेलै
दिन आ राति हुनके यादिमे जरि रहल छी हम
चर्चा सुनि हमर ओ देखियौ हँसि टारि गेलै
चर्चा सुनि हमर ओ देखियौ हँसि टारि गेलै
नै छै बचल कनिको प्रेम खिस्सामे हमर यौ
ओ 'ओम'क सिनेहसँ सजल पन्ना फाड़ि गेलै
ओ 'ओम'क सिनेहसँ सजल पन्ना फाड़ि गेलै
2221-2221-2221-22 प्रत्येक पाँतिमे। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम ह्रस्वकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।
0 टिप्पणियाँ
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।