गजल

आँखिक मस्ती जे अपन ओ पिया देलक
बिनु पीने हमरा शराबी बना देलक
सम्हारल छल ई करेजा बहुत जतनसँ
नैनक संकेतसँ गगनमे उड़ा देलक
अनका नचबैमे छलौं मस्त एखन धरि
ता ता थैया नाच हमरा करा देलक
जे नै बुझतै बात तकरासँ आसे की
बेदर्दी दर्दे करेजक बढ़ा देलक
कोना भेंटत "ओम"केँ चैन एतय यौ
पर्दा प्रेमक आबि अपने हटा देलक
2222-2122-1222
प्रत्येक पाँतिमे एक बेर

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ