कखनो सुखक भोर लिखै छी
कखनो खसल नोर लिखै छी
मिठगर रसक बात कहै छी
संगे करू झोर लिखै छी
संगे करू झोर लिखै छी
कारी करेजक कहबै की
बिहुँसैत ई ठोर लिखै छी
बिहुँसैत ई ठोर लिखै छी
सोनक हिरण देखि क' दौड़ल
लोकक अजब होड़ लिखै छी
लोकक अजब होड़ लिखै छी
"ओम"क गजल की सुनबै यौ
खटगर बनल घोर लिखै छी
खटगर बनल घोर लिखै छी
2-2-1-2, 2-1, 1-2-2 प्रत्येक पाँतिमे एक बेर
0 टिप्पणियाँ
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।