बहैत धार हमर जिनगी आ कछेर अहाँ
सुनबै छी जिनगीक तान बेर बेर अहाँ
आँखि मूनल रहै वा फूजले रहै हमर
हमर सपनामे कएने छी घरेर अहाँ
सुनबै छी जिनगीक तान बेर बेर अहाँ
आँखि मूनल रहै वा फूजले रहै हमर
हमर सपनामे कएने छी घरेर अहाँ
मिथिला - संस्कृतिक महान पाबैन थिक -मधुश्रावणी, जे साओन मासक कृष्ण - पक्षक पंचमीसँ प्रा…
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