गरीबी की छैक
सभसँ बड़का ब्याधि सभसँ बड़का व्यथा
सभसँ बड़का छूत छै
एहि द्वारे तँ भगै छै
गरीबसँ ई सभ्य समाज
किएक तँ
सभसँ बड़का अभिशाप ई छै।
गरीब झपटै छैक
भोजक पातपर गिद्ध जकाँ जखन की मनुक्खकेँ तँ नहि
भगवान बनोलनि गिद्ध जकाँ
कोनो गामक चौक
वा सिमरिया घाट
सगरो भेट जाएत दू चारिटा
गरीब झपटैत गिद्ध जकाँ।
आजुक नीति इहे छैक
गरीबकेँ मेटाउ गरीबी मिट जाएत जल्दी
एहि द्वारे गरीबीसँ भागू
जेना हुए जतएसँ हुए
गरीबी मेटाउ अपन अपन जल्दी
नहि तँ गरीबीकेँ मिटाबै लेल सरकार
गरीब
अर्थात ‘मनु’केँ मिटा देत जल्दी जल्दी।
©जगदानन्द झा ‘मनु’
एक टिप्पणी भेजें
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।