
द्वितीय पोस्ट
जाहि दिन हम पन्द्रह बरखक भेलौं ओकर दोसरे दिन हमर विवाह भs गेल। ओहि समय हम विवाहक अर्थ की होइत छैक सेहो नय बुझैत छलियैक। हमत मैट्रिक केर परीक्षा दs अपन पितिऔत बहिन केर विवाह देखय लेल गाम गेल रही। हमारा की बुझल छल जे हमरो विवाह भs जायत। ओहि समय हमर बाबूजी अरुणाचल (ओहि समय केर नेफा ) में पदासीन छलाह, हम रांची में अपन छोटका काका लग रहि कs पढ़ैत रहि ।
हमर पितिऔत बहिन केर विवाह भेलाक तुरंत बाद हमर बाबूजी आ छोटका काका कत्तो बाहरि चलि गेलाह, कतय गेलाह से हम नय बुझलियैय। हम सब भाई बहिन आ हमर छोटका काका के बड़की बेटी, अर्थात हमर पितिऔत बहिन सेहो हमरा सब संग गाम पर रहि गेलि, कारण हमरा सबहक स्कूल में गर्मी छुट्टी छलैक , हम सब खूब आम खाइ आ खेलाइ। मुदा हम देखि जे हमर दादी हमरा किछु बेसी मानैथ। अचानक एक दिन भोर में जखैन हम उठलौं त देखैत छी जे सब कियो व्यस्त छैथ। हमर दादी सब काज करनिहार सब के डाँटि रहल छलीह, कहैत छलीह " आब समय नय छैक, जल्दी जल्दी काज करय जो"। हमरा किछु नय फ़ुराइत छल जे ई की भs रहल अछि। हमरा देखिते हमर दादी कहलैथ "हे देखियौ, अखैन तक ई त फराके पहिर कs घूमि रहल छैथ"। हमरा किछु बूझय में नय आबि रहल छल जे ओ की बजैत छलीह तखैन हमरा ध्यान आयल जे शायद हमर जन्मदिन काल्हि छैक ताहि दुआरे दादी कहैत हेतीह हमरा चिढाबय के लेल।ओ सब दिन कहैत छलीह जे अय बेर जन्मदिन में अहाँ के साड़ी पहिरय पड़त, आ हम चिढ जायत छलिअय। ई सब सोचिते छलौं ताबैत देखलियय जे छोटका काका आंगन दिस आबि रहल छलाह। हुनका संग हमर बाबा सेहो छलाह । ओ दुनु गोटे दलान पर स आबि रहल छलाह , से बाबा के देखला स बुझय में आबि गेल । हुनका सबके देखिते हमर माँ आ दादी दुनु गोटे आगू बढ़ि क हुनकर स्वागत केलैथ, आ माँ के कहैत सुनलियैन्ह "आब कहू जल्दी स लड़का केहेन छथि"। हमरा किछु नय बुझना जाइत छल, ताबैत हमर काका हमरा दिस देखलैथ आ देखिते देरी कहलैथ अरे तोहर बियाह ठीक कs क आयल छियो मिठाई खुआ।
हम त एकदम अवाक् रहि गेलौं, हम ओतय सs भागि क अपन कोठरी में आबि बैसि क सोचय लगलियै, आब की होयत हम त अपन दोस्त सब के कहि कs आयल रहि जे अपन दीदी के बियाह में जा रहल छी , ओ सब की सोचत। हमरा एतबो ज्ञान नही छल जे हम बियाहक विषय में सोचितौं , हमरा चिंता छल जे दोस्त सब चिढायत।खैर, कनि कालक बाद सs हमर भाय बहिन सब खुशी खुशी हमरा लग अबैथ, आ सब गोटे खुशी खुशी कहैथ," हम सब नबका कपड़ा पहिरबय"। ओ सब तs आर बहुत छोट छोट छलैथ, हमही सबस पैघ छी।
हमर काका जल्दी जल्दी स्नान ध्यानक बाद भोजन क तुरंत चलि गेला, पता चलल जे ओ बरियाती आनय लेल गेलाह। ओहि दिन, दिनभरि सब व्यस्त छलैथ। हम अपन माँ के व्यस्त देखियैन्ह परंच खुश नय लगलीह । भरि गामक लोकक एनाइ गेनाइ लागल छलय। दोसर दिन भोरे हमर बाबूजी अयलाह । हुनका चाय देलाक बाद आ हुनका स गप्प केलाक बाद माँ के हम प्रसन्न देखलियैन्ह। ताबैत धरि हमहू बूझी गेल छलियैय जे आब सत्ते हमर विवाह भ रहल अछि, आ हमरा दोस्त सब सं बात सुनइये पड़त, आ ओ सब चिढायत तकरा s हम नहि बचि सकैत छी। ओहि दिन हमर जन्मदिन सेहो छलैय, साँझ में दादी के मोन रहि गेलैंह आ हमरा साड़ी पहिरय पड़ल।
खैर हमर विवाह बड़ धूम धाम स भेल आ हम तेहेन लोकक जीवन संगनी बनलों जे हमर जीवन धन्य भ गेल।
क्रमशः ...............
-कुसुम ठाकुर-
दोसर कड़ी एक्के सांसमे पढ़ि गेलहुं। बहुत नीक भावनाक अभिव्यक्ति। मुदा तेसर कड़ीमे एतेक देरी नहि लगाबी से आग्रह।
जवाब देंहटाएंek ber pher bad nik prastuti
जवाब देंहटाएंek ber pher prastuti bad nik lagal
जवाब देंहटाएंrachana bad nik lagal. pravah lekhanee me sarvatra
जवाब देंहटाएंnik lagal aa tesar khepak lel utkantha badhi gel achhi
जवाब देंहटाएंtheeke, ahank lekhni me flow achhi je naisargik gun lekha me hoit achhi,
जवाब देंहटाएंaasha achi 3rd part sheeghra aayat
ek ber pher atyuttam prastuti
जवाब देंहटाएंaatmkathatamka shailee me ee post ekta satya par aadharit upanyasak roop lay rahal achhi. yatri jik balchanma ker mon aabi gel. mahilak aatmkathatmak shaili me maithili me ekta nootan saphal prayas sidhha hoyat.
जवाब देंहटाएंbad nik katya aa shilp
जवाब देंहटाएंkusum ji ehina likhait rahoo, maithili me mahila lekhan ker je kami achhi se aab poorna hoyat se aasha achhi
जवाब देंहटाएंbad nik lagal
जवाब देंहटाएंएक बेर फेर सब पाठकगण के हम धन्यबाद दैत छियैंह जे हुनका लोकनि के हमर रचना पसिन पडलैंह।
जवाब देंहटाएंहम प्रयास करब जे अहाँ सब के निराश नय करी।
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