
मचाऊ ऐहेन धमाल बउवा ,
पाबैन मोन रहे सबके,
किछ ऐहेन करू कमाल बउवा॥
छोडू रंग -भंग स परहेज़ ,
घोरि दियौ , पोखैर ताल बउवा,
युग बीतल नहीं खेल्लेलौं ,
अपने सब गोबर थाल बउवा॥
तोडू टेप रेकाडर, आ घेंट दबाऊ बाजा के,
एही बेर ता ठोकू जोगीरा के ताल बउवा
रंग-अबीर के छिट्टा सं भरी दियौ घर अंगना,
ततेक पक्का हुए रंग , मिटाई नै भैर साल बउवा॥
जोगी नाचत, जोगनिया नाचत,
मदमस्त भ का नचता लाल बउवा,
अहेन रंग से खेलु एही बेर,
सब कियो भ जाय नेहाल बउवा...
समस्त मिथिलांचल के फगुआ के शुभकामना, सत्ते अहाँ सब बड मोन पडैत छी
phagunahati me3 avasar anukul prastuti
जवाब देंहटाएंjogira sara rara
जवाब देंहटाएंPHAGUNAK GIT NIK RAHAY
जवाब देंहटाएंphagua par, dhurkhel par nik prastuti, holi-holi
जवाब देंहटाएंbah ajai ji
जवाब देंहटाएंapne sab ke kavita athwaa geet neek laagal, khushi bhel. aagu kich vyangya prastut karab.
जवाब देंहटाएंबहुत नीक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
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