
आस्ट्रेलियन पिता आऽ भारतीय माताक सन्तान ३३ वर्षीय बैचेलर श्री अरविन्द अडिग ऑक्सफोर्डसँ शिक्षा प्राप्त कएने छथि आऽ सम्प्रति मुम्बईमे रहैत छथि। हिनकर पहिल अंग्रेजी उपन्यास छन्हि द ह्वाइट टाइगर जाहि पर बिटेन, आयरलैण्ड आऽ कॉमनवेल्थ देशक वासी केँ देल जा रहल अंग्रेजी भाषाक उपन्यासक ५०,००० पौन्डक “मैन बुकर” पुरस्कार भेटलन्हि अछि आऽ बेन ओकेरीक बाद ई पुरस्कार प्राप्त केनिहार ई सभसँ कम उम्र केर लेखक छथि।
द ह्वाइट टाइगर- ई उपन्यास हार्पर कॉलिन्स-रैन्डम हाउस द्वारा प्रकाशित भेल आऽ प्रकाश आऽ अन्हारक दू तरहक भारतक ई वर्णन करैत अछि। एकटा फर्मक मालिक बलराम जे शुरूमे गयासँ आयल बलराम हलवाई छलाह चीनी प्रधानमंत्री वेन जिआबाओक भारत आगमनपर अपन अनुत्तरित सात पत्र (हरिमोहन झाक पाँच पत्र आ ब्यासजीक दू पत्र जकाँ) केर माध्यमसँ अपन खिस्सा कहैत छथि। ओऽ एकटा रिक्शा चालकक बेटा छथि जे चाहक दोकानपर किछु दिन काज केलाक बाद दिल्लीमे एकटा धनिकक ड्राइवर बनैत छथि। फेर ओकरा मारि कय उद्योगपति बनि जाइत छथि।
ड्राइवर सभ गप मालिकक सुनैत रहैत अछि, कलकत्ताक रिक्शाबला सभक खिस्सा सेहो अडिग सुनलन्हि आऽ दिल्लीक ड्राइवर लोकनिक सेहो आऽ खिस्साक प्लॊट बना लेलन्हि।
समालोचनाक स्थिति: हिन्दीक अखबार सभ ई पुरस्कार प्राप्त भेलाक बादो एहि पुस्तकक समीक्षा एकटा चीप टी.वी. सीरियलक पटकथाक रूपमे कएलन्हि। मैथिलीक समालोचनाक तँ गपे छोड़ू, अंग्रेजीक अखबार सभ मुदा नीक समीक्षा कएलक।
दिल्लीक चिड़ियाघरमे एकटा ह्वाइट टाइगर छैक गेनेटिक म्युटेशनक परिणाम जे एक पीढ़ीमे एक बेर अबैत छैक नहियो अबैत छैक। बलराम हलवाईक खिस्सा सेहो ह्वाइट टाइगर जकाँ विरल भेटत बेशी तँ कमाइ-खाइमे जिनगी बिता दैत छथि। एकर हार्डबाउन्ड किताब २०,००० कॉपी बिका चुकल अछि। पेन्गुइन इण्डिया जे ई किताब छपबासँ इन्कार कएने छल कहलक जे क्रॉसवर्ड पुरस्कारसँ किताबक बिक्रीमे १००० कॉपीक वृद्धि होइत छैक, बुकर भेटलापर १०,००० कॉपी बेशी बिकाइत छैक आऽ साहित्य अकादमी भेटलापर अंग्रेजी किताब १० कॉपी बेशी बिकाइत अछि!
badd nik post, mithilaaurmaithil te kamal kay delak.
जवाब देंहटाएंbarhiya prastuti
जवाब देंहटाएंक्रॉसवर्ड पुरस्कारसँ किताबक बिक्रीमे १००० कॉपीक वृद्धि होइत छैक, बुकर भेटलापर १०,००० कॉपी बेशी बिकाइत छैक आऽ साहित्य अकादमी भेटलापर अंग्रेजी किताब १० कॉपी बेशी बिकाइत अछि!
जवाब देंहटाएंbah thike
bad nik, soochna se bharal samyik rachna.
जवाब देंहटाएंbad nik prerna se bharal sahityik prastuti
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।