आम आदमी पार्टी केँ बड़का झटका। चुनाव आयोग 20 विधायक केँ ठहरौलक अयोग्य

नई दिल्ली। 19 जनवरी। चुनाव आयोग आम आदमी पार्टी'क 20 विधायक केँ ‘लाभक पद’ रखबाक लेल अयोग्य घोषित क' देलक। आयोग हुनका सभक सदस्यता रद्द करबाक लेल राष्ट्रपति सँ सिफारिश केना अछि।  निर्वाचन आयोग संविधान'क अनुच्छेद 102(1)(A) आओर 191(1)(A) केर तहत ई कार्रवाई केना अछि। एहि प्रावधान'क अनुसार संसद वा फेर  विधानसभा'क कोनो सदस्य यदि लाभक कोनो पद पर होयत छथि तेँ हुनकर सदस्यता रद्द भ' सकैछ। ई लाभ केंद्र आओर राज्य दुनू सरकार पर लागू होयत अछि। 

उल्लेखनीय अछि कि आयोग आम आदमी पार्टी'क एहि विधायक सभकेँ  संसदीय सचिव बनाओल गेलाक बादे सँ हिनका सभक सदस्यता पर सवाल ठाढ़ भ' गेल छल। कहल जे रहल अछि कि मुख्य चुनाव आयुक्त ए के ज्योति 22 जनवरी केँ रिटायर होमे जे रहल छथि। अप्पन रिटायरमेंट सँ पहिने ओ सभ पेंडिंग केस खत्म करे चाहैत छथि। आयोग'क नजैर  सभ पुरनका मामला निपटेबा पर अछि।  दोसर दिस आम आदमी पार्टी'क कहब अछि कि चुनाव आयोग ऐहिक फैसला नहि क' सकैछ। ऐहिक फैसला अदालत मे होयबाक चाही।

गौरतलब अछि कि आम आदमी पार्टी'क दिल्ली सरकार मार्च 2015 मे 21 विधायक केँ  संसदीय सचिव बनेना छल। ऐहिकेँ लाभ'क पद बतबैत प्रशांत पटेल नाम'क वकील राष्ट्रपति लग शिकायत केना छल। पटेल ऐहिकेँ लाभ'क पद मानैत हुए विधायक सभक सदस्यता खत्म करबाक  मांग केना छल। एहिमे शामिल विधायक जनरैल सिंह पछिला बरख विधानसभा केँ सदस्यता सँ इस्तीफा द' देना छला। आब एहि मामला मे फसल विधायक सभक संख्या 20 अछि। 

केंद्र सरकार विधायक सभकेँ संसदीय सचिव बनेबाक फैसलाक विरोध केना छल। केंद्र दिस सँ दिल्ली हाईकोर्ट मे आपत्ति दर्ज कराओल गेल छल। केंद्र सरकार'क मानब छल कि दिल्ली मे अगबे एक संसदीय सचिव भ' सकैछ, जे मुख्यमंत्री'क लग होयत। विधायक सभकेँ संसदीय सचिव बनेबाक कोनो संवैधानिक प्रावधान नहि अछि।