बॉम्बे हाई कोर्टक फैसला के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण कहलनि कि राज्यपाल केर आदेश पूरा तरहे राजनीति सँ प्रेरित आओर पक्षपातपूर्ण छल। चव्हाण एक बेर पुनः अपना आप क' निर्दोष बतौलनि। आगा ओ कहलनि कि कोर्टक विस्तृत आदेश पढ़लाक बादे ओ एहि मामला पर आगू किछु टिप्पणी करता। अपने क' बता दीकि ई मंजूरी महाराष्ट्र केँ राज्यपाल द्वारा सीबीआई क' 2016 मे देल गेल छल। चव्हाण केँ वकील कोर्ट मे कहने छल कि फरवरी 2016 मे राज्यपाल सी.विद्यासागर राव द्वारा सबूत सभक आधार पर नहि, बल्कि बदलल राजनीतिक माहौल केँ कारण मंजूरी देना छल।
अपने क' बता दी कि चव्हाण पर आदर्श सोसायटी मे अप्पन रिश्तेदार सभकेँ दू फ्लैट देबाक एवज मे सोसायटी केर अतिरिक्त एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) देबाक आरोप छल। हुनका पर इयो आरोप छल कि जखन ओ राजस्व मंत्री छलाह, ओ गैरकानूनी रूप सँ गैर सैनिक सभकेँ 40 प्रतिशत बेसी फ्लैट देबाक मंजूरी देना छल। सीबीआई केर एफआईआर मे हुनकर नाम सेहो शामिल छल, मुदा दिसंबर 2013 मे ओहि समय के राज्यपाल के. शंकरनारायण चव्हाण पर मुकदमा चलेबाक मंजूरी देबै सँ मना क' देना रहथिन।
ओनाकि मार्च 2015 मे हाई कोर्ट चव्हाण केर ई मांग मानबा सँ मना क' देना छल कि हुंकार नाम एहि केस सँ निकालल जाए किएक जे राज्यपाल सेहो मंजूरी देबै सँ मना क' देना अछि। ऐहिक बाद सीबीआई एक बेर फेर सँ राज्यपाल सँ संपर्क केलक आओर फरवरी, 2016 मे राज्यपाल चव्हाण पर मुकदमा चलेबाक मंजूरी द' देना छल।