प्राप्त जानकारी केर मुताबिक, ऐहिक लेल एक समिति केर गठन सेहो कायल जे चुकल अछि, जाहिमे केंद्रीय सूचना आओर प्रसारण मंत्री संरक्षक (पैट्रोन) छथि। विभाग केँ सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक (M&C), एएस एंड एएफ (AS&FA), संयुक्त सचिव (पी), सदस्य छथि। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव/निदेशक सदस्य संयोजक छथि। ई समिति पीड़ित पत्रकार अथवा हुनकर परिजन केर आवेदन पर विचार करत।
ओनाकि इसमे केंद्र अथवा राज्य सरकार सँ अधिस्वीकृत (एक्रीडेटेड) पत्रकार होयबाक कोनो बंधन नहि अछि, मुदा ई स्कीम पत्रकार सभसँ सम्बंधित 1955 के एक अधिनियम [Working Journalists and other Newspaper Employes (Condition of service) And Miscellaneous Provision Act 1955] केर तहत पत्रकार केर श्रेणी मे आबई बला देशक सभ पत्रकारक लेल लागू कायल गेल अछि।
ऐहिक अलावा टीवी आओर वेब जर्नलिज्म केर माध्यम सँ सेवा देबै बला सभके सेहो एहि योजना केर लाभ देल जायत। संगहि समाचार पत्र सभक संपादक सँ ल'के उपसंपादक, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नालिस्ट केर अलावा फ्रीलान्स जर्नालिस्ट, अंशकालिक संवाददाता आओर हुनकर आश्रित सभके ऐहिक दायरा मे राखल गेल अछि। ऐहिक लेल पांच बरख पत्रकारक रूप मे सेवा मे होयब अनिवार्य अछि। एहि स्कीम केर तहत इयो बताओल गेल अछि कि एक सँ पांच लाख केर सहायता कुन परिस्थिति सभमे पीड़ित पत्रकार अथवा हुनकर परिजन सभकेँ देल जायत।