आगा ओ कहला कि अगर अहाँ सोचैत छी कि एक एहेन फिल्म बनाओल जाय, जाहिमे अहाँ कुनु राजनीतिक किरदार के बारे म' ओ सभ देखा सकी जे अहाँ देखबे चाहैत छी, तेँ एहि तरहक फ़िल्म बनायब अप्पन देश म' संभव नहि अछि। देश म' हालात एहेन अछि कि अगर अहाँ फिल्म म' किनको नाम या संगठन केर नाम लैत छी, जेँ कुनु खास समुदाय या राजनीतिक पार्टी सँ जुडल होय तेँ किछ लोग अहाँक हत्या क' करा देता।
फिल्म निर्देशक प्रकाश झा कहलनि कि हम अप्पन फ़िल्म सभ बनबैत घरी एहि बात क' खूब नीक जोका महसूस केलहुँ कि हमरा बतौर फिल्मकार अभिव्यक्ति केर आजादी नहि अछि। हाल - फिलहाल म' एहि म' सुधार केर गुंजाइश सेहो नहि देखार दैत अछि।
अपने क' बता दी प्रकाश झा राजनीति, अपहरण, आरक्षण, गंगाजल, चक्रव्यूह, सत्याग्रह जेहेन फ़िल्म सभ बनेना छैथ। जाहीकेँ किरदार सभ क' दर्शक कतो बिहार केँ राजनता सँ तेँ कतो अन्ना हजारे सँ तेँ कतो गांधी नेहरू परिवार सँ जुडल बुझैत छैथ। कैको फिल्म लेल प्रकाश झा क' विरोधक सेहो सामना करे पड़ल छैन्ह।
1 टिप्पणियाँ
राजनीति,अपहरण,गंगाजल,चक्रब्यूह एवं सत्या सन फिल्म बनेलाक बादो यदि प्रकाशझा कें इ बुझना जाई छनि जे एत अभिब्यक्ति क स्वतंत्रता नइ अछि त पता नहि हुनका नजरि म अभिब्यक्तिक स्वतंत्रता की होई छै ???
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