संतशिरोमणि बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाई केँ कर्मभूमि बनगाँव सँ निकलत 'सरबा सदभावना यात्रा'

अखण्ड मंडलाकरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्पदं दर्शितं येन तस्मैं श्री गुरुवे नमः।।१।।
रविः वाह्य तमो हन्ति चान्तध्र्वान्तं महागुरुः
तस्माल्लक्ष्मीपतिं वन्दे हृदयस्थ दिवाकरम् ।।२।।

विश्व केर इतिहास म' अगहन मासक शुक्ल पक्ष (विवाह पंचमी) बड्ड महत्वपूर्ण मानल जायत अछि। कियक तेँ एही दिन भगवान बुद्ध आ संतशिरोमणि बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाई जीक प्रदापन एही भूमि पर भेल छल। संगहि इ महान संयोग कहल जे सकैछ जे हिनकर समाधी काल सेहो एहि दिन भेल। इ दिन  देश आर मिथिलाक लेल अतिशुभ दिन मानल जायत अछि।

संतशिरोमणि बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाई एकहि संग संत, कवि, वैद आदि छलाह, तेँ  इ कहब कोनो अतिश्योगीत नहि जेँ बाबा अष्ट शिद्धि नवनिधि गोसाई साक्षात् भगवान छला। हुनक मुखारविंद सँ निकलल शब्द अमृत धार जे हिनकर गुरु केर ओती वचन। कलो केवल कीर्तनम। कान्तोयो सदा हरी के।

हिनकर धार्मिक विचार आध्यमिक अनुभूति केर सन्देश जन जन तक  पहुँचेबाक लेल हिनकर कर्म भूमि बनगाँव, जिला सहरसा सँ सरबा सदभावना यात्राक कार्यक्रम 04.12.2016  (विवाह पंचमिक) दिन आयोजित केल गेल अछि। एहि यात्रा म' श्रद्धालु लोकनि बाबा केँ जन्मभूमि परसरमा गाम  पहुँची केँ बाबा केँ ठाकुरबाड़ी म' भक्तिभाव सँ 1008 दिप प्रज्वलन, भजन - कीर्तन करि अप्पन श्रद्धा सुमन बाबा क' अर्पित करता।

संतशिरोमणि बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाई (बाबाजी) केँ प्रेमीजन सँ निवेदन जे एहि कार्यभूमि म' भाग ल' एहि महान धार्मिक कृत्य क' सफल बनाबी।

सरबा सदभावना यात्रा स्थान - बाबा जी कुटी बनगाँव सँ परसरमा कुटी, समय -12 बजे

निवेदक : लक्ष्मीनाथ सेवा मिशन

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ