पूतहु (बीहनि कथा) - वी०सी०झा"बमबम"

~ आबौथ बहिन दाय बैसौथ !
~ धूर्र जाउ कि बैसब ? एखन एको घड़ी केर पलिखैत अछि से ?

~ एह ई गप, इ किआ कहय छथिन ? हिनका मुँह संऽ कहु एहन गप निकलैन !
~ ऐंऽ यऽई कनियाँ अहुँ हद्द केलहु मुदा ! एखन छठि परमेश्वी राणा माय दिनकर दिनानाथ'क लेल ठकूआ पूरी भूसबा आरो कतेक तरहक ओरियौन करऽ परत हमरा कि नहि ?

~ से हिनका आब किआ करऽ परतैन ? तीन - तीन टा पूतहु घर बसैत छैन्ह !
~ जाउ - जाउ तीनू एक संऽ बढ़ि कऽ एक धिप्पल अछि ! बहन्ना करत कि काज करत ? ओ तऽ हमहि छी जे कोनो ना खिच - तीर कऽ निमाहने जाइत छी नहितऽ - - - -!

~ कहाँ दनि सूनय छियैन जे जेठकी पूतहु गरीब घरक बेटी छैन्ह से बड्ड काजूल !
~ कि कहु ओकरा मे तऽ बुझू जे हमर गरदनि कटि गेल ! 'बरद केर बरद गेल आ नओ हाथक पगहा सेहो गेल !

~ एह से कि भेलनि ? लोक सब तऽ ओकर बड़ाइ गाम भरि मे केने अछि !
~ ऐंऽ एहि गामक धोंछिया मौगी - मंसा सब द्वारे तऽ आर अथि भऽ गेल ! ओकरे सबहक कहलाहा पर हमर खेनहार बिन पाय कौरी केर बेटा केर भसिया देलक ! तकर फल हम भोगय छी , कम सऽ कम छोटकी दुनू राज - काज नहि करैत अछि तऽ ओकर सबहक बाप घर कऽ भरि देने अछि ने , त ओकर सबहक अधलाह गप्प बौस्तु देख कऽ नीके लागि जाइत अछि !

~ तइयो पाय नहि देलकनि तऽ कम सऽ कम पुतहू तऽ लक्ष्मी पात्र भेलनि ने ? मुहँ लागल तऽ नहि कखनहु बजैत छैन्ह सज्जन शुशील काजूल छैन्ह !
~ हे हम्मर अहाँ देह नहि जराउ तामस पर हम अहिं कऽ किछु उझट कथा कहि देव ! बिनु पाय केर लक्ष्मी केर खगता हमरा नहि छल छूच्छी काजूल आ शुशील'क !

~  एह तहियो एतेक टा परिवारक निमेरा केनाय तऽ - - - - - !
~ धूर्र जाउ - - भिखमंगा बेटी ओ कि निमेरा करत ओ तऽ
'थोर मे छल ओ बहुत मे आयल
अधहन केर चाउर देखि उजगूजाएल'


     वी०सी०झा"बमबम"
                                  कैथिनियाँ

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