युवा वर्ग नबका नशा केर लत म' बर्बाद भ' रहल छैथ

दरभंगा। 18 अक्टूबर। पूर्ण शराबबंदी कानून केँ बाद राज्य भरी म' जता ऐहिक बिक्री व सेवन करबा पर सख्त सजा व जुर्माना केर प्रावधान अछि, ओतहि शहर म' आय कैल्ह नौनिहाल व युवा वर्ग नबका नशा केर विक्लप हेर लेना छैथ। बहुते नुकसानदेह एहि नबका नशा केँ रूप म' व्याईटनर, टेबलेट, क्विक फिक्स, डेंडराइट, सुलेशन आर कॉफ सिरप आदि केर प्रयोग कायल जे रहल अछि।

गुमराह होयत युवा वर्ग, परेशान अभिभावक- समाज म' ऐहिक जैड़  मजबूत भ' रहल अछि।  जिला भरी म' मीठ जहर केर प्रचलन युवा वर्ग क' धीरे-धीरे अप्पन गिरफ्त म' लेना जे रहल अछि। जाहि सँ समाज म' मानसिक विकृति बला लोगक संख्या म' वृद्धि होयबाक डर उत्पन्न भ' गेल अछि। यदि समय रहैत एहि पर अंकुश नै लगाओल गेल तेँ ऐहिक विपरीत परिणाम सामना आइब सकैत अछि। कैल्ह धरी जता नशा केँ रूप म' गांजा, सिगरेट, शराब, ताड़ी व भांग अप्पन पैठ जमा चुकल छल, आय ओहि केँ जगह एहेन जहर ल' लेना अछि जे रंग आर बदबू सँ परे अछि। जी हां, हम बात क' रहल छी क्विक फिक्स, डेंडराइट, सुलेशन जेहेन चिपकाबै बाला पदार्थ केर। एहि सभ पदार्थ केर इस्तेमाल प्लास्टिक, चमड़ा, ट्यूब आदि क' चिपकाबै म' कायल जायत अछि। लेकिन अफसोस की एहि  पदार्थ सभक आय शौक सँ नौनिहाल व युवा वर्ग नशा के रूप म' इस्तेमाल क' रहल छैथ।

बहुत आसानी सँ भेंटै बला इ नबका नशा केर पदार्थ क' युवा बेरोक-टोक इस्तेमाल क' रहल छैथ, जाहि सँ असमय नशा म' लिप्त युवा वर्गक शरीर कैको बीमारि सँ ग्रसित भ' रहल अछि। अक्सर शहर केँ गलि या फेर  मैदान सभ म' दुपहरक समय ओहि पदार्थ क' रुमाल म' द' युवा आर बच्चा सभ क' सुँघैत देखल जे सकैत अछि।

मनोवैज्ञानिक केर मुताबिक, शहर म' बढ़ैत एहि नबका नशा क' समाप्त करबाक लेल आत्ममंथन व नौनिहाल सभ पर विशेष नजरि रखबाक जरुरत अछि। मेडिसीन विभाग केँ विभागाध्यक्ष डॉ. बाके सिंह कहला कि ऐहिक लेल हरेक जिला म' एक नशा मुक्ति केन्द्र राज्य सरकार केर द्वारा खोलल गेल अछि। जाहिमेँ नशा के आदि लोग सभक उचित उपचार केर  माध्यम सँ नशा मुक्त कराओल जे रहल अछि।

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