मैथिली संगीत म' जूली झा केर बढ़ैत डेग

दरभंगा। 25 अक्टूबर। जूली झा मैथिली गायिका के रूप म' आब सभक दिल पर राज क' रहल छथि। बहुत कम उम्र म' जता अप्पन मुकाम  गायिकी केर क्षेत्र म' बना रहल छथि, ओतहि ओ मिथिलाक सेहो खूब मान-सम्मान बढ़ा रहल छथि।

जूली झा मूल रूप सँ दरभंगा जिला के रैयाम नया गाम केर रहिवासी आर मनोज झा केँ बेटी छथि। जूली अप्पन पिता के प्रेरणा सँ गायकी केर क्षेत्र डेग राखली।  जूली केँ पिता मनोज झा कहला कि जूली क' घरे स' ग़ायबाक  प्रेरणा भेटलन्हि।  जखन ओ एगारह बरख केँ छली, तखने सँ गीत संगीत म' अभिरूचि लेब शुरू क' देना छली। जूली एखन पढ़ाई सेहो करैत छथि संगे संग देशक कोने–कोने म' पिता संग जागरण कार्यक्रम म' सेहो भाग लैत छथि।

जूली क' गामक दुर्गा पूजा के मंच पर गेबाक पहिल मौक़ा भेटलन्हि, जाहि म' ओ मैथिली गीत ‘विनती सुनियो हे महारानी’ सँ सभक दिल जीत लेलिह। जूली क' मैथिली गायिका कुमकुम झा सेहो शुरूआती दौर म' गेबाक लेल प्रेरित केलन्हि।

जूली केँ पहिल एल्बम गंगा कंपनी सँ 2012 म'  ‘जटायु मैय्या’ आयल  छल। हाल म' जूली द्वारा गाओल ‘बिलम जो गुजरिया’ मैथिली गीत क' यूट्यूब पर दुइ  लाख से बेसी बेर देखल जे चुकल अछि। हुनक इ एल्बम एखन धरी रिलीज नै भेल छलैन्ह, मुदा एहि एल्बम सँ जूली खूब सुर्खि बटोईर रहल छथि। मिथिलांचल म' एहि एल्बम ल' केँ हुनक प्रशंसक म' खूब उत्साह देखल जे रहल अछि। जूली लोकगायिका सारदा सिन्हा क' अप्पन आईडियल कहैत छथि।

आजुक समय म' जूली केँ लोकप्रियता देश केँ कोन - कोन म' पसैर रहल अछि, संगहि जूली सभ लोकप्रिय गायक - गायिका केँ बिच अप्पन अलग पहचान बना रहल छथि।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ