पटना। 06 अक्टूबर। सुन पड़ल रंगशाला केर आंगन। पटना के चितकोहरा म' पंजाबी कोलोनी स्थित रंगशाला सँ आब गुरूजी केर बोल सुनबाक लेल नै भेटत। आय भोर नागेन्द्र मोहिनी दुनिया छोइर देलाह। अप्पन पाछा छोइर गेला हजारों शिष्य सभक सिसकि।
रंगशाला म' गुरू जी के शिष्य सभक तांता लागल अछि। मुदा आज सभ शिष्य गुरु जी केर बोल पर थिरकबाक लें नै, बल्कि अप्पन गुरु केर अंतिम दर्शन लेल आयल छल। हृदय गति रुकला सँ नागेन्द्र मोहिनी जीक निधन भेलन्हि। आय गुरुवार प्रात: सवा चारि बजे सभ दिन जोका मोहिनी जी स्नान-ध्यान सँ निवृत भ' साधना केर तैयारी छलाह। एकाएक हृदय गति रुकलन्हि आर ओ चल बसला।
मोहिनी जी तकरीबन पचास बरख सँ कला केर विभिन्न आयाम सँ जुड़ल छलाह। खासकरी कत्थक आर भरतनाट्यम जेहेन क्लासिकल नृत्य म' मोहिनी जी केर कुनु जोड़ नै छल। हुनकर निधन सँ बिहार के कला जगत म' मातम अछि।
रंगशाला म' गुरू जी के शिष्य सभक तांता लागल अछि। मुदा आज सभ शिष्य गुरु जी केर बोल पर थिरकबाक लें नै, बल्कि अप्पन गुरु केर अंतिम दर्शन लेल आयल छल। हृदय गति रुकला सँ नागेन्द्र मोहिनी जीक निधन भेलन्हि। आय गुरुवार प्रात: सवा चारि बजे सभ दिन जोका मोहिनी जी स्नान-ध्यान सँ निवृत भ' साधना केर तैयारी छलाह। एकाएक हृदय गति रुकलन्हि आर ओ चल बसला।
मोहिनी जी तकरीबन पचास बरख सँ कला केर विभिन्न आयाम सँ जुड़ल छलाह। खासकरी कत्थक आर भरतनाट्यम जेहेन क्लासिकल नृत्य म' मोहिनी जी केर कुनु जोड़ नै छल। हुनकर निधन सँ बिहार के कला जगत म' मातम अछि।
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