श्री मणिकांत झा द्वारा रचल सुन्दर सं कविता शुभकामना देश सीमापर तैनात वीर सैनिक लोकनिक लेल दीयाबातीक शुभकामना


देश सीमापर तैनात वीर सैनिक लोकनिक लेल दीयाबातीक शुभकामना - 
शुभकामना सेना केँ
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देशक सीमा पर अड़ल रहू
दुश्मन छाती पर चढ़ल रहू
हे वीर सपूत बढ़ैत चलू
नित नूतन कीर्ति गढ़ैत चलू
कतबो आबय बाधा पथ मे
चाहे टूटय पहिया रथ मे
पाछा घुरि कय ने आब देखु
स्वर्णाक्षर मे इतिहास लिखु
दीपक माला हम बना रहल
दीयाबाती छी मना रहल
अहाँ तिमिर गगन सँ भगा दिय’
सीमा पर झंडा लगा दिय’
सबा करोड़ अछि अहाँक संग
दियौ देखाय आब अपन रंग
तोपे सँ छोड़ू बम गोला
बंदूक सँ फूलझरीक शोला
भाँजू कसिकय उक्का लोली
अनधुन चलबी अपने गोली
आइ मना लीय दीयाबाती
हम दै छी शुभकामक पाती
नित नूतन बनि हूँकार भरी
मणिक्रांति गीत स्वीकार करी ।।
       - मणिकांत झा , दरभंगा 
         २७-१०-१६ ।

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